खाद की कालाबाजारी और अवैध बिक्री करने वाले 720 पर कार्रवाई की गई है.रबी सीजन में खाद्यान्न फसलों की बजाय सब्जी फसलों की बुवाई ज्यादा होती है और यही वजह है कि रबी सीजन में एनपीके खाद का इस्तेमाल भी बढ़ जाता है. राजस्थान के किसानों ने इस बार जमकर एनपीके खाद का इस्तेमाल किया है. अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में एनपीके की खपत दोगुनी के पार पहुंच गई है. हालांकि, इस दौरान डीएपी, यूरिया और सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक की मांग में भी भारी इजाफा हुआ है. 30 दिन में राजस्थान के किसानों 2.8 लाख मीट्रिक टन खाद का इस्तेमाल फसलों में किया है. उधर, प्रदेशभर में चल रहे खाद आपूर्ति निरीक्षण अभियान में खाद की कालाबाजारी और अवैध बिक्री करने वाले 720 पर कार्रवाई की गई है, जिसमें लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही स्टॉक भी जब्त किया गया है.
राजस्थान सरकार किसानों के लिए उर्वरक की उपलब्धता बनाए रखने के लिए प्रयासरत है. कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में डीएपी आपूर्ति में सुधार लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फॉस्फेट और एनपीके खाद के इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है. माह अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में सिंगल सुपर फॉस्फेट का 76 फीसदी और एनपीके उर्वरकों का 221 फीसदी अधिक इस्तेमाल किया गया है.
कृषि आयुक्त ने बताया कि देश में डीएपी उर्वरक की आपूर्ति काफी हद तक विदेश से खरीदकर की जाती है. इस साल आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग व आपूर्ति का अंतर बढ़ा है, जिससे अन्य राज्यों के साथ-साथ राजस्थान राज्य भी प्रभावित हुआ है. राज्य में इस वर्ष रबी सीजन के दौरान अक्टूबर और नवंबर में 2 लाख 81 हजार मीट्रिक टन मांग के मुकाबले 2 लाख 8 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति हुई है. वर्तमान में राज्य में 41 हजार मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक मौजूद है जो औसत दैनिक डीएपी की खपत के आधार पर 10 दिन के लिए पर्याप्त है और 20 हजार मीट्रिक टन आगामी 2-3 दिन में आपूर्ति होने जा रही है.
उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी एवं नकली उर्वरकों की बिक्री पर रोक लगाने और कार्रवाई के लिए कृषि विभाग नियंत्रण अभियान चला रहा है. रबी सीजन से पहले 15 सितंतर तक चलाए गए अभियान में 5478 कृषि खाद विक्रेताओं, निर्माताओं एवं खुदरा कारोबारियों के यहां छापेमारी कर कालाबाजारी, जमाखोरी करने वाले करीब 720 दोषियों पर कार्रवाई की गई है. इनमें से 58 विक्रेताओं की बिक्री पर रोक लगाई गई, जबकि 39 लाइसेंस निरस्त किए गए.
राज्य सरकार के निर्देश पर उर्वरकों की क्वालिटी और दर की जांच के लिए 23 नवंबर से 30 नवंबर तक छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के दौरान बिना लाइसेंस के बिक्री करने वाले बंसल खाद बीज भण्डार, सीकरी डीग के सात अवैध गोदामों पर डीएपी के 3639, यूरिया के 7046, एसएसपी के 540 और जिंक सल्फेट के 20 कट्टे जब्त किए गए. जयपुर जिले में एनपीके एवं जिंक सल्फेट के कुल 41.51 मीट्रिक टन उर्वरक जब्त की गई. बीकानेर में अवैध गोदामों से नकली डीएपी एवं पोटाश ड्राईव्ड फ्रोम मोलासिस (पीडीएम) के 305 कट्टे जब्त किये गये.
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