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बिहार में तेज होगी कुफरी पुखराज आलू की खेती, किसानों की आय बढ़ाने में मिलेगी मदद

बिहार में तेज होगी कुफरी पुखराज आलू की खेती, किसानों की आय बढ़ाने में मिलेगी मदद

बिहार में आने वाले समय में आलू की पैदावार बढ़ेगी क्योंकि केंद्र की तरफ से राज्य को उत्तम किस्म के बीज दिए जा रहे हैं. इसी में कुफरी पुखराज किस्म भी है जो बंपर पैदावार देती है. इस किस्म के बीज आईसीएआर की तरफ से बिहार सरकार को दिए गए हैं जो किसानों के बीच बांटे जाएंगे. कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) की ओर से आलू की किस्म कुफरी पुखराज की 200 क्विंटल खेप दी गई है.

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बिहार में आलू की खेती बिहार में आलू की खेती

अब बिहार में आलू और अन्य सब्जियों की खेती तेजी से बढ़ने जा रही है. इसके लिए सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है. इसी कोशिश में सोमवार को पटना के कृषि भवन में आलू एवं सब्जी महाभियान की शुरुआत की गई. इस महाभियान के जरिये अलग-अलग जिले के किसानों को सब्जियों के बिचड़े बांटे जाएंगे. किसानों को हाइब्रिड सब्जियों के बिचड़े दिए जाएंगे ताकि वे अपने खेतों में इसे लगाकर अधिक उपज ले सकें. इससे उनकी कमाई बढ़ाने में मदद मिलेगी. सोमवार को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने इस महाभियान की शुरुआत की.

इसमें खास बात ये है कि बिहार में आने वाले समय में आलू की पैदावार बढ़ेगी क्योंकि केंद्र की तरफ से राज्य को उत्तम किस्म के बीज दिए जा रहे हैं. इसी में कुफरी पुखराज किस्म भी है जो बंपर पैदावार देती है. इस किस्म के बीज आईसीएआर की तरफ से बिहार सरकार को दिए गए हैं जो किसानों के बीच बांटे जाएंगे. कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) की ओर से आलू की किस्म कुफरी पुखराज की 200 क्विंटल खेप दी गई है. वहीं अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिहार कृषि विभाग ने आलू प्रजनक बीज के 1470 क्विंटल की मांग केंद्र से की थी जिसकी सहमति मिल गई है. ये दोनों ऐसी किस्में हैं जिससे बिहार में आलू की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

बिहार में सब्जी की खेती बढ़ेगी

बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इससे किसानों की कमाई बढ़ती है, साथ ही खेतों का सही उपयोग भी होता है. सब्जियों से भूमि का सही उपयोग, फसल विविधता, रोजगार के मौके और राज्य की जनता को खाने और पोषण में सुरक्षा मिलती है. राज्य में मौसम आधारित सब्जी की खेती नकदी फसल के रूप में की जाती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 9.10 लाख हेक्टेयर है और उत्पादन 175.63 लाख मीट्रिक टन तक जाता है. इसमें आलू की खेती भी बड़ा रोल निभाती है. राज्य में आलू की खेती एक नकदी फसल के रूप में की जाती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 3.29 लाख हेक्टेयर है इसकी पैदावार 87.90 लाख मीट्रिक टन होती है.

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बिहार में आलू की किस्म कुफरी चिप्सोना-1 के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सात जिलों औरंगाबाद, गया, पटना, नालंदा, सारण, समस्तीपुर और वैशाली को चुना गया है. सरकार ने 150 हेक्टेयर में आलू के कुफरी चिप्सोना-1 किस्म को उगाने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए किसानों को बीज की आपूर्ति बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से की जाएगी. इन किस्मों की मदद से किसान आलू के प्रजनक बीज का उत्पादन करेंगे जिसे आधार बीज कहा जाता है. फिर इस बीज को आम किसानों में बांटा जाएगा. इस प्रजनक बीज में कुफरी किस्म के आलू हैं जिनसे किसानों को अधिक उपज मिलती है और इसकी मांग भी ज्यादा होती है. बिहार में बीज उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रजनक बीज की मांग की है जिसकी मंजूरी मिल गई है.

कोल्ड स्टोरेज के लिए सब्सिडी

आलू या अन्य सब्जियों की खेती बढ़ने से कोल्ड स्टोरेज की मांग भी बढ़ेगी. इसे देखते हुए बिहार सरकार नए कोल्ड स्टोरेज बनाने का काम तेज करने जा रही है. कृषि मंत्री के मुताबिक, वर्तमान में राज्य में कुल 202 कोल्ड स्टोरेज काम कर रहे हैं, जिसकी कुल भंडारण क्षमता लगभग 12 लाख 30 हजार मीट्रिक टन है. राज्य के 12 जिलों ऐसे हैं, जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को नहीं मिलती. इसे देखते हुए 12 जिलों में टाईप-1 (आलू भंडारण के लिए) और टाईप-2 (फल-सब्जी भण्डारण के लिए) नए कोल्ड स्टोरेज बनाने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. इसके अलावा फल और सब्जी के भंडारण के लिए 10 मीट्रिक टन वाले सोलर कूल चैंबर बनाने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.

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