
मटर की खेतीदलहनी सब्जियों में मटर का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. मटर की खेती से जहां एक ओर कम समय में अधिक पैदावार मिलती है तो वहीं ये भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में भी ये काफी सहायक होती है. फसल चक्र के अनुसार यदि इसकी खेती की जाए तो इससे भूमि उपजाऊ बनती है. यदि किसान इसकी खेती नवंबर महीने के बीच में करें तो अधिक पैदावार के साथ ही भरपूर मुनाफा भी कमा सकते हैं. वहीं, किसान इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी मटर की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म पीबी-89 का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से मटर के बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
देश के अब किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर दलहनी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर मटर की खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन मटर की पीबी-89 किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.

ये किस्म पंजाब में उगने वाली मटर की एक उन्नत किस्म है. इस किस्म की फलियां जोड़े में उगती हैं. यह किस्म बिजाई के 90 दिनों के बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इसके बीज स्वाद में मीठे होते हैं और इसकी फलियां 55 प्रतिशत बीज देती हैं. इसकी औसतन उपज 60 क्विंटल प्रति एकड़ होती है.
अगर आप भी मटर की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो पीबी-89 किस्म के एक किलो के पैकेट का बीज 51 फीसदी छूट के साथ 220 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से मटर की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
किसान अगर मटर की खेती प्लानिंग से करें तो इससे बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं, मटर की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. हालांकि गहरी दोमट मिट्टी इसके लिए परफेक्ट मानी जाती है. मटर की बुवाई बीजों के माध्यम से की जाती है. इसके लिए ड्रिल विधि का इस्तेमाल सबसे उपयुक्त है. पंक्तियों में बीजों को 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today