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धान की बंपर उपज के लिए पौधे को फंगस और कीटों से बचाना जरूरी, ये उर्वरक और तरीका अपनाएं किसान 

धान की बंपर उपज के लिए पौधे को फंगस और कीटों से बचाना जरूरी, ये उर्वरक और तरीका अपनाएं किसान 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार धान की खेती करने वाले किसानों को बताया कि धान की बंपर पैदावार के लिए फसल को औसतन 20 डिग्री सेंटीग्रेट से 37 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की जरूरत होती है. धान किसानों को खरपतवार सांवा घास, क्रैब घास, जंगली धान, वॉटर प्रिमरोज और मारफूला सबसे ज्यादा परेशान करते हैं. इफको का दावा है कि वह इसका पक्का इलाज ले आया है.

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धान किसानों को खरपतवार सांवा घास, क्रैब घास, जंगली धान, वॉटर प्रिमरोज और मारफूला सबसे ज्यादा परेशान करते हैं. धान किसानों को खरपतवार सांवा घास, क्रैब घास, जंगली धान, वॉटर प्रिमरोज और मारफूला सबसे ज्यादा परेशान करते हैं.

इस बार मॉनसून की अच्छी बारिश के संकेतों के चलते बड़े स्तर पर किसान धान की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में खरीफ सीजन के लिए धान की रोपाई शुरू हो चुकी है. धान किसानों को सबसे ज्यादा मुश्किल फंगस, कीटों और खरपतवार से होती है. इसकी वजह से फसल का उत्पादन प्रभावित होता है. खाद-बीज बिक्री करने वाली सरकारी संस्था इफको ने 3 उर्वरकों को सुझाया है, जिनके इस्तेमाल से पौधे के विकास को रफ्तार मिलेगी और दाना मजबूत होगा. 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार धान की खेती करने वाले किसानों को बताया कि धान की बंपर पैदावार के लिए फसल को औसतन 20 डिग्री सेंटीग्रेट से 37 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की जरूरत होती है. धान बुवाई के लिए खेत की पहली जुताई मिटटी पलटने वाले हल से और इसके बाद भी 2-3 जुताई कल्टीवेटर से करने के साथ ही रोपाई से पहले खेत को पानी से भरकर जुताई जरूरी है. 

बीज की मात्रा और उर्वरक 

धान की अच्छी उपज के लिए अंतिम जुताई के समय 100 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद खेत मिलानी चाहिए. बंपर पैदावार के लिए बीज की मात्रा का सही होना भी जरूरी है. धान की एक हेक्टेयर रोपाई के लिए बीज की मात्रा 30 से 35 किलोग्राम बीज पौध तैयार करने के लिए सही रहता है. जबकि, किसान 25 किलोग्राम बीज के लिए 4 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन तथा 75 ग्राम थीरम से बीज का उपचार करने के बाद बुवाई करें. वहीं, उर्वरक में 120 किलो ग्राम नाइट्रोजन, 60 किलो ग्राम फॉस्फोरस और 60 किलो ग्राम पोटाश का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. नाइट्रोजन की आधी मात्रा फॉस्फोरस और पोटाश की मात्रा खेत तैयार करते समय आधी मात्रा टापेड्रेसिंग के रूप में होनी चाहिए. 

फंगस, कीट और खरपतवार खत्म करने का तरीका 

धान किसानों को खरपतवार सांवा घास, क्रैब घास, जंगली धान, वॉटर प्रिमरोज और मारफूला सबसे ज्यादा परेशान करते हैं. इसके अलावा पौधों में लगने वाली फंगस और कीटों का प्रकोप परेशानी का कारण बनता है. इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए इफको 3 उर्वरक-कीटनाशक लाया है, जिनमें ओजिका, सोकुसाई और जाकियामा शामिल हैं. इफको का दावा है कि यह तीनों प्रोडक्ट धान के पौधे में लगने वाली फंगस, कीट और खरपतवार को खत्म करने में मदद करती हैं, जिससे उपज में इजाफा होता है. 

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