Bottle Gourd farming: लौकी की करें जैविक तरीके से खेती, अधिक उपज के लिए डालें ये खाद

Bottle Gourd farming: लौकी की करें जैविक तरीके से खेती, अधिक उपज के लिए डालें ये खाद

केंद्र सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है. इसके लिए राज्यों को भी निर्देशित किया गया है.कि किसानों को अधिक से अधिक मात्रा में जैविक खेती करने के लिए जागरूक करें. ऐसे में अगर आप भी जैविक तरीके से खेती करना चाहते हैं तो लौकी उगा सकते हैं.

Advertisement
लौकी की करें जैविक तरीके से खेती, अधिक उपज के लिए डालें ये खादलौकी की खेती

जैविक खेती को लेकर किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. बड़े स्तर पर किसान खेती के इस तरीके से जुड़ रहे हैं क्योंकि इस तरीके का अपनाने से किसानों की कमाई में दोगुना लाभ हो रहा है. ऐसे में किसान अगर जैविक तरीके से खेती करना चाहते हैं तो वो इस विधि से लौकी की खेती कर सकते हैं. बता दें कि इससे उनकी फसल उत्पादन में लागत भी कम होगी और रासायनिक उत्पादों से भी बचा जा सकेगा. वहीं जैविक खेती पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी है. इससे भूमि के जलस्तर में वृद्धि होती है. ऐसे आइए जानते हैं कि किसानों को लौकी की जैविक खेती करने से कितना लाभ हो सकता है और कौन सा खाद डालने से अधिक उत्पादन मिलेगा.

जैविक खेती के लिए डालें ये खाद

अगर किसान जैविक तरीके से खेती करके लौकी की फसल में अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं तो वो रासायनिक खाद की जगह कम्पोस्ट खाद या गोबर से बने खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में अगर किसान एक हेक्टेयर भूमि में इस खाद का उपयोग करना चाहते हैं तो उसके लिए उनको लगभग 25 से 30 टन सड़ी हुई गोबर की खाद और 50 किलो नीम की खली और 30 किलो अरंडी की खली का मिश्रण वाले खाद का उपयोग करना चाहिए. इस खाद के प्रयोग से किसानों को अधिक मात्रा में फसल का उत्पादन मिलता है.

ये भी पढ़ें:- IIVR वाराणसी में अब सब्जियों के रस से बनेंगे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, नई तकनीक से किसानों की बढ़ेगी आय

लौकी के लिए कैसे करें खेत की तैयारी

लौकी की खेती के लिए थोड़ी गर्म और ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है. लौकी अधिक पाले को सहन करने में बिलकुल असमर्थ होती है. इसके लिए 18 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए. इसको गर्म और तर दोनों मौसम में उगाया जाता है. ज्यादातर लौकी की बुवाई गर्मी और वर्षा ऋतु में की जाती है. वहीं खेती के लिए किसानों को अपने बनाए हुए खाद के मिश्रण को खेत में बुवाई से पहले समान मात्रा में बिखेरना चाहिए. उसके बाद दोबारा अच्छी तरह से अपने खेत की जुताई करके खेत को तैयार करें, उसके बाद लौकी के बीज की बुवाई करें. ऐसे जैविक तरीके से खेती करने से किसानों को अधिक लाभ होता है.

खेत में इन चीजों का करें छिड़काव

बता दें कि फसल के तैयार होने के 20 से 25 दिन के बाद किसान अपनी फसलों पर नीम का काढ़ा और गोमूत्र को मिलाकर उसके तैयार किए गए मिश्रण को हर 10 से पंद्रह दिन पर छिड़काव करें. इस तरीके से खेती करके किसान अच्छा उत्पादन और बेहतर कमाई कर सकते हैं. वैसे भी केंद्र सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है. इसके लिए राज्यों को भी निर्देशित किया गया है.कि किसानों को अधिक से अधिक मात्रा में जैविक खेती करने के लिए जागरूक करें. 

POST A COMMENT