जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा (सांकेतिक तस्वीर)भारत सरकार लगातार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (MOVCDNER) इस दिशा में सबसे अहम कार्यक्रम हैं. इन दोनों योजनाओं के जरिए किसानों को जैविक खेती के हर चरण में सहायता दी जाती है, जिसमें उत्पादन, प्रोसेसिंग, प्रमाणन और बाजार तक पहुंच शामिल है. सरकार का लक्ष्य है कि छोटे और सीमांत किसानों को संगठित कर उन्हें क्लस्टर के रूप में तैयार किया जाए, ताकि वे मिलकर सुरक्षित और रसायन-मुक्त खेती कर सकें.
इन योजनाओं की वजह से देश में जैविक खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है. अब तक PKVY के तहत 16.90 लाख हेक्टेयर और MOVCDNER के तहत 2.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती के रूप में विकसित किया जा चुका है. पूर्वोत्तर राज्यों में 479 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए गए हैं, जिनसे लगभग ढाई लाख किसान जुड़े हुए हैं. इन राज्यों में सामूहिक खेती और जैविक उत्पादन एक तरह का आंदोलन बन चुका है.
सरकार किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूत समर्थन दे रही है. PKVY में तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें 15,000 रुपये सीधे किसानों के खाते में DBT के रूप में भेजे जाते हैं, ताकि वे जैविक खाद, जैविक तरल और अन्य इनपुट खरीद सकें.
इसी तरह MOVCDNER योजना के तहत तीन साल में 46,500 रुपये की सहायता मिलती है. इसमें भी किसानों को 32,500 रुपये जैविक इनपुट के लिए और 15,000 रुपये DBT से प्रदान किए जाते हैं. इस आर्थिक मदद का बड़ा असर किसानों की उत्पादन लागत पर पड़ रहा है, क्योंकि रासायनिक खादों की जगह जैविक विकल्प अपनाने से उनकी निर्भरता बाजार पर कम होती है.
जैविक खेती को गति देने के लिए सरकार PM-PRANAM योजना भी चला रही है. इस योजना का उद्देश्य रासायनिक खादों के अत्यधिक इस्तेमाल को कम करना और मिट्टी की सेहत में सुधार लाना है. इसके तहत राज्यों को सलाह दी गई है कि वे प्राकृतिक खेती और मिश्रित पोषण प्रबंधन (INM) अपनाएं, ताकि मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहे और फसलों की उत्पादकता पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े. इन प्रयासों के साथ ही जैविक खाद और बायो-इनपुट को बढ़ावा देने के लिए कई राज्यों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में जैविक खेती को लेकर दिलचस्प प्रगति देखने को मिली है. इटावा और फतेहपुर जिलों में 20-20 क्लस्टर बनाए गए हैं, जहां किसानों को प्रशिक्षण, डेमो प्लॉट और इनपुट सहायता दी जा रही है. केवल इन दो जिलों में ही कुल 1,562 किसानों को इसका सीधा फायदा मिल चुका है. इससे प्रदेश में जैविक खेती के लिए एक मजबूत आधार तैयार हो रहा है.
इसके साथ ही देश में ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है. सरकार की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, कई राज्यों ने पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई दी है. कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्यों में उत्पादन लाखों टन तक पहुंच गया है. वहीं, कुछ छोटे राज्य भी अपने स्तर पर स्थिर उत्पादन कर रहे हैं. देखिए राज्यवार कहां कितना जैविक खाद का उत्पादन हुआ…
| राज्य | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| आंध्र प्रदेश | 272572.13 | 1858652 | 1874125 |
| असम | 43773.2 | 125812 | 122001 |
| बिहार | 53256.38 | 22500 | 16526 |
| छत्तीसगढ़ | - | 78402 | 681697 |
| गोवा | 11221.37 | - | 8959 |
| गुजरात | 278036.86 | 257822 | 253473 |
| हरियाणा | 71179.412 | 74223 | 438689 |
| हिमाचल प्रदेश | 32.7965 | 4520 | 564729 |
| जम्मू और कश्मीर | 3250.48 | 85240 | 9166 |
| झारखंड | - | 32831 | - |
| कर्नाटक | 2278241 | 2286649 | 1844895 |
| केरल | 13560.189 | 0 | 2738 |
| मध्य प्रदेश | 84598.05 | 1388205 | 1472273 |
| महाराष्ट्र | 237843.28 | 343171 | 216230 |
| मणिपुर | - | 150 | 150 |
| ओडिशा | 14763.9 | - | - |
| पंजाब | 7407.06 | 3088335 | 938 |
| राजस्थान | 50477 | 52220 | 192909 |
| तमिलनाडु | 231522 | 2134453 | 97301 |
| तेलंगाना | 28788.03 | 0 | 39996 |
| त्रिपुरा | 946.81 | 1022 | 1050 |
| उत्तर प्रदेश | 74799.23 | 802262 | 80456 |
| उत्तराखंड | 7440.451 | 10750 | 21171 |
| पश्चिम बंगाल | 6704.806 | 0 | 65451 |
| पुडुचेरी | 2470 | - | 1025 |
| लद्दाख | - | 13681 | - |
| कुल योग | 37,72,884.44 | 1,26,60,900 | 80,04,921 |
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