केरल में खाद की भारी कमी से हंगामाखाद सप्लाई की गंभीर स्थिति पर रोशनी डालते हुए, केरल के कृषि मंत्री ने इस रबी सीजन के पीक के दौरान समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय खाद मंत्रालय से तुरंत दखल देने की मांग की है.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को लिखे एक पत्र में, केरल के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने बताया कि सप्लाई में मौजूदा कमी के कारण किसानों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में फसल की अच्छी पैदावार सुनिश्चित करने के लिए फर्टिलाइजर की समय पर उपलब्धता बहुत जरूरी है.
पत्र में कहा गया है कि मूवमेंट सप्लाई प्लान के अनुसार, राज्य को 43,150 टन यूरिया, 44,900 टन MOP और 13,450 टन DAP दिया जाना है. हालांकि, आज तक, केरल को केवल 18,164 टन यूरिया, 23,803 टन MOP और 888 टन DAP मिला है, जो जरूरी आवंटन का सिर्फ 43 प्रतिशत है. इस कमी से खेती-बाड़ी के चल रहे कामों पर काफी असर पड़ रहा है.
मंत्री ने केंद्र से अपील की कि वह पूरी दी गई मात्रा को तुरंत मंजूरी दे और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को जल्द से जल्द दी गई मात्रा बांटने का निर्देश दे, ताकि मौजूदा संकट को कम किया जा सके.
खाद की कमी से अनानास की खेती पर पहले ही असर पड़ा है और फल की कीमत पहले ही अपने पीक पर पहुंच गई है. केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने बताया, "राज्य सरकार पिछले कई महीनों से केंद्र से बार-बार सही मात्रा में खाद देने की अपील कर रही है. लेकिन अभी तक कोई पॉजिटिव कदम नहीं उठाया गया है. इससे राज्य की खेती के उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है और किसान गहरे संकट में पड़ सकते हैं."
राज्य सरकार और किसानों का मानना है कि नैनो फर्टिलाइजर को बढ़ावा देने की केंद्र की कोशिशों की वजह से ही कमी हुई है. केंद्र लोकल लेवल पर बनने वाले फर्टिलाइजर को बढ़ावा देने के लिए खाद के इंपोर्ट को भी रेगुलेट कर रहा है. उनका कहना है कि केंद्र फर्टिलाइजर पर सब्सिडी का बोझ कम करने की भी कोशिश कर रहा है.
देसिया कार्शका संघम के लीडर मुथलमथोडे मणि ने 'डेक्कन हेराल्ड' से कहा कि यूरिया और पोटाश धान की खेती के साथ-साथ दूसरी फसलों के लिए भी जरूरी हैं. उन्होंने कहा, "अब धान की खेती के लिए फर्टिलाइजर देने का समय आ गया है. किसानों को सही फर्टिलाइजर मिलना मुश्किल हो रहा है. अब समय आ गया है कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान दे क्योंकि इस बात की गंभीर चिंता है कि उत्पादन पर असर पड़ेगा और किसानों को भारी नुकसान होगा."
दिसंबर सीजन में कटाई और कम डिमांड की वजह से अनानास के दाम कम रहते थे, लेकिन इस बार दाम 38 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए, जो पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा है. 2024 में दाम 30 रुपये और 2023 में 24 रुपये थे.
पाइनएप्पल ग्रोअर्स एसोसिएशन केरलम के प्रेसिडेंट बेबी जॉन ने कहा, "फर्टिलाइजर की सप्लाई समय पर न होने की वजह से फसल की क्वालिटी और क्वांटिटी पर असर पड़ा है. इसलिए अब दाम ज्यादा हैं, जबकि दिसंबर में पहले दाम कम थे." किसानों को यह भी चिंता है कि फर्टिलाइजर की कमी से ब्लैक मार्केटिंग हो सकती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today