खाद की कमीमध्य प्रदेश में खाद किल्लत की समस्या बढ़ती जा रही है. जिससे किसान काफी परेशान हैं. दरअसल, राजगढ़ जिले में यूरिया की किल्लत ने किसानों को ठंड में चक्कर लगा-लगा कर पसीने छुड़ा दिए हैं. किसान इस समय यूरिया को लेकर परेशान है और शुक्रवार को इसी संकट के चलते जिले के खिलचीपुर में सहकारी विपणन समिति के कार्यालय में थके हारे किसानों ने अपने आधार कार्ड और जमीन की पट्टी की फोटो कॉपियों की प्रतियां धागे से इस उम्मीद से बांधना शुरू कर दिया. किसानों ने सोचा कि कभी तो उनकी सुनवाई होगी और उन्हें रबी फसलों के लिए यूरिया खाद उपलब्ध होगा.
अब देखना यह है कि इस अनोखे तरीके से किसानों के प्रयास को कितनी सफलता मिलती है. लेकिन मंदिर में मनोकामना की भांति दफ्तर में इस प्रकार से पर्चियां बांधना यह बता रहा है कि जिले में इस समय यूरिया खाद का संकट है जिससे किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि जब-जब अव्यवस्था का आलम होगा और सिस्टम काम नहीं करेगा तो विरोध होगा.
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में शुक्रवार की सुबह 8 बजे से ही किसानों की भीड़ सहकारी विपणन समिति के कार्यालय के सामने लगने लगी. नंबर लगाने की आस में कई किसानों और महिलाओं ने अपने दस्तावेज जमीन पर रखने शुरू कर दिए और उनकी कतार लगने लगी. हवा से कागज नहीं उड़ जाएं इसको लेकर पत्थर से दबाकर उन कागजों को जमा कर रखा जाने लगा. करीब 11 बजे खिड़की खुली तो अफरा तफरी का माहौल हो गया, जिसे संभालने के लिए दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए. लेकिन वह भी व्यवस्था को दुरूस्त नहीं कर पाए.
किसान दिलीप सिंह ने बताया कि दो-तीन दिन से लाइन में लग रहा हूं, यहां पर रोज ऐसे ही हाल रह रहा है, जिससे किसान परेशान हैं. समिति वालों के अपने खुद के नियम हैं, कभी चार कट्टे यूरिया दे देते हैं, कभी एक कट्टा देते हैं. अभी तो वह भी नहीं मिल पा रहा है. किसान शिव सिंह चौहान ने बताया कि जो लंबी लाइन लग रही है, वह कृषि विभाग की देन है, जो किसानों की मदद नहीं कर रहे है.
वहीं, मार्केटिंग प्रबंधक गंगाधर दांगी ने बताया कि किसान सुबह जल्दी आ जाते हैं और लाईन लगा लेते हैं, उनको प्रतिदिन खाद मिल रही है. किसानों को पीने के पानी के इंतजाम किए गए हैं. शुक्रवार को करीब डेढ़ सौ टन खाद आया था जो सप्लाई किया जा रहा है. यूरिया खाद पर्याप्त है. साथ ही खाद केंद्र प्रभारी ने बताया कि नियमानुसार किसानों को खाद वितरण किया जा रहा है, जो किसान नंबर में बाकी बच जाते हैं, उन्हे दूसरे दिन नंबर से पहले खाद दिया जा रहा है.
एक किसान को दो कट्टे यूरिया दिया जा रहा है. शुक्रवार को करीब 1 हजार पांच सो तीस कट्टे खाद के उपलब्ध थे. जिसका वितरण किया जा रहा था. किसानों के अलावा अन्य व्यक्ति लाईन में न लगे इस कारण हम जमीन की पट्टी की फोटो कॉपी मांग रहे हैं ताकि कालाबाजारी न हो.
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