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मक्के की उपज बढ़ाने के लिए कौन सी खाद बेहतर होती है, उसका कैसे करें इस्तेमाल

मक्के की उपज बढ़ाने के लिए कौन सी खाद बेहतर होती है, उसका कैसे करें इस्तेमाल

मक्के की फसल से अधिक उपज लेने के लिए बुआई से पहले मिट्टी की जांच करना आवश्यक है. बुआई से पहले खेत में 10-15 टन प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिला देनी चाहिए. मक्के की संकर और अच्छी किस्मों से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उचित समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद एवं उर्वरक देना चाहिए.

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मक्के की फसल में करें इन खादों का इस्तेमाल मक्के की फसल में करें इन खादों का इस्तेमाल

जलवायु परिवर्तन का असर कृषि फसलों पर पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से कभी अधिक गर्मी तो कभी भारी बारिश की वजह से फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है. कई बार ऐसी मौसमी अनिश्चितताएं भी देखी गई हैं जब फसल के लिए आवश्यक वातावरण के लिए मौसम बिल्कुल प्रतिकूल होता है. भारत में जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक परिणामों के कारण भारत को गर्मी के मौसम में उच्च तापमान का सामना करना पड़ रहा है. मक्का एक ऐसी फसल है जो केवल गर्मियों में बोई जाती है. तेज एवं चिलचिलाती गर्मी से मक्के को काफी नुकसान होता है. तेज धूप से मक्के की हरी पत्तियों की गुणवत्ता कम हो जाती है.

हरी पत्तियों के ऊतकों के क्षतिग्रस्त होने से फसल को पोषक तत्व प्राप्त करने में कठिनाई होती है. उत्पादन उतना नहीं है जितना होना चाहिए. हाल ही में देखा गया है कि इस साल कई जगहों पर मक्के की बालियां ही नहीं बढ़ी हैं. ऐसे में किसान मक्के कि फसल में इन खाद का इस्तेमाल कर उपज बढ़ा सकते हैं. 

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मक्के की फसल में करें इस खाद का इस्तेमाल

मक्के की फसल से अधिक उपज लेने के लिए बुआई से पहले मिट्टी की जांच करना आवश्यक है. बुआई से पहले खेत में 10-15 टन प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिला देनी चाहिए. मक्के की संकर और अच्छी किस्मों से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उचित समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद एवं उर्वरक देना चाहिए. बुआई से पहले बीजोपचार अवश्य करना चाहिए. संकर मक्का बीज (hybrid corn seeds) के लिए 100-120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, 40 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर देना चाहिए. फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा साथ ही नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुआई के समय प्रयोग करनी चाहिए. बाकी नाइट्रोजन की आधी मात्रा बराबर मात्रा में दो बार, पहली बुआई के 30-35 दिन बाद और दूसरी मात्रा टैसलिंग के समय छिड़काव के रूप में देनी चाहिए.

बेबी कॉर्न मक्का में इन उर्वरकों का करें प्रयोग

बेविकॉर्न मक्का के लिए नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुआई के समय तथा आधी मात्रा बुआई के 25-30 दिन बाद फसल में डालें. खाद एवं उर्वरक की मात्रा प्रजाति के पकने की अवधि पर भी निर्भर करती है. जल्दी पकने वाली किस्मों के लिए 60-80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है. मध्यम एवं देर से पकने वाली किस्मों को 100-120 किलोग्राम नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है जबकि फास्फोरस एवं पोटाश की मात्रा समान रहती है. यदि खेत में जिंक की कमी हो तो आखिरी जुताई के समय 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से जिंक सल्फेट का छिड़काव करना चाहिए. ध्यान रखें कि जिंक सल्फेट को फॉस्फेटिक उर्वरकों के साथ नहीं मिलाना चाहिए.