हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को कहा कि राज्य में डीएपी खाद (DAP fertilizer) की कोई कमी नहीं है और किसानों को घबराकर खरीदारी नहीं करनी चाहिए. सैनी की यह टिप्पणी विपक्षी कांग्रेस नेताओं की ओर से आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है कि हरियाणा के कुछ जिलों में किसान डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद की कमी से जूझ रहे हैं. रविवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र ने नवंबर के लिए 1.10 लाख मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी खाद आवंटित किया है.
मुख्यमंत्री सैनी रविवार को चंडीगढ़ में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ डीएपी खाद की उपलब्धता की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने एक बयान में कहा, "राज्य में डीएपी की कोई कमी नहीं है और घबराकर खरीदारी करने की कोई जरूरत नहीं है." प्रवक्ता ने बताया कि रविवार को राज्य में डीएपी की उपलब्धता 24,000 मीट्रिक टन है और किसानों को रोजाना खाद उपलब्ध कराने के लिए रेक प्लानिंग कर ली गई है.
डीएपी के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा, "राज्य सरकार के प्रयासों की वजह से केंद्र ने नवंबर महीने के लिए 1,10,000 मीट्रिक टन डीएपी खाद आवंटित किया है, जिसमें से 41,600 मीट्रिक टन नवंबर के पहले सप्ताह के लिए और 40,000 मीट्रिक टन दूसरे सप्ताह में देने के लिए योजना बनाई गई है. महीने के तीसरे सप्ताह में इसे घटाकर 20,000 मीट्रिक टन कर दिया जाएगा." अक्टूबर 2023 में डीएपी की कुल खपत 1,19,470 मीट्रिक टन थी, जबकि इस साल अक्टूबर में खपत 1,14,000 मीट्रिक टन थी.
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अक्टूबर 2023 में डीएपी की कुल खपत 1,19,470 मीट्रिक टन थी, जबकि इस साल अक्टूबर में खपत 1,14,000 मीट्रिक टन थी. 2023 रबी सीजन के दौरान नवंबर में कुल 72,697 मीट्रिक टन की खपत हुई. प्रवक्ता ने आगे बताया कि डीएपी खाद के लिए रेक प्लानिंग तैयार कर ली गई है. हिसार, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, झज्जर, सोनीपत और रोहतक को 4 नवंबर, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, हिसार, सिरसा और जींद को 5 नवंबर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और यमुनानगर को 6 नवंबर तथा पलवल, नूंह, फरीदाबाद और गुरुग्राम को 7 नवंबर को रेक मिलेंगे.
कुछ दिन पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि राज्य के कई जिले गेहूं और अन्य फसलों की बुवाई के लिए डीएपी की कमी से जूझ रहे हैं.
राज्य में कुछ स्थानों पर किसानों की लंबी कतारें देखी गईं और भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को भी बुलाना पड़ा. सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने कहा था कि सरकार समय रहते उचित कदम उठाने में नाकाम रही.
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उन्होंने आरोप लगाया था कि सरसों, गेहूं और कुछ अन्य फसलों की खेती के लिए जरूरी डीएपी खाद की कमी के कारण किसानों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है और फिर भी उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है. डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस होता है, जो सरसों, गेहूं और कुछ अन्य फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं.
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