
सितंबर का पहला पखवाड़ा बीतते ही किसान चने की अगेती किस्मों की खेती की तैयारी करने लगते हैं. बता दें कि चना रबी की एक प्रमुख दलहनी फसल है. लेकिन कई बार किसान चने की बेहतर किस्मों को लेकर थोड़े कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर किस्म की खेती से उन्हें बंपर उत्पादन मिल सकता है. ऐसे में अगर आप भी इस रबी सीजन चने की खेती करना चाहते हैं और किस्मों को लेकर चिंतित है तो आज हम आपको चने कि एक उन्नत किस्म के बारे में बताएंगे, जिसकी खेती से आपको बंपर फायदा हो सकता है. वहीं,अगर आप भी चने की खेती करने के लिए किसी किस्म की तलाश कर रहे हैं, तो आप बंगाल ग्राम बीजीडी 111-1 किस्म का बीज NSC से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
किसान अब तेजी से दलहनी फसलों की खेती करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर चने उगा रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन चने की अगेती किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर की वेबसाइट के लिंक पर जाकर ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.
चने की बंगाल ग्राम बीजीडी 111-1 एक देसी किस्म है जिसके जो मात्र 95 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इस किस्म के पौधे की ऊंचाई दो फ़ीट से भी कम होती है. वहीं, इसमें पाला पड़ने की संभावना कम रहती है. इस किस्म की पैदावार प्रति हेक्टेयर 22 से 25 क्विंटल तक होती है. साथ ही इस किस्म की खेती बंगाल और कर्नाटक में बड़े पैमाने पर की जाती है. बात करें बीज की कीमत की तो इसके 5 किलो का पैकेट फिलहाल 15 फीसदी छूट के साथ मात्र 550 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से चने की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
वैसे तो रबी सीजन में चने की बुवाई 20 अक्टूबर से 15 नवंबर तक की जाती है. लेकिन अगेती किस्मों की खेती किसान सितंबर के महीने में भी कर सकते हैं. वहीं, चने के खेत मे 15 टन गोबर की खाद या 5 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट मिला लें. इसके अलावा अच्छी पैदावार के लिए 20 किलो नाइट्रोजन और 40 किलो फास्फोरस प्रति हेक्टेयर खेतों में मिलाएं. फिर खेतों की अच्छे से जुताई करके चने की बुवाई कर दें.
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