मौजूदा समय में मार्केट में अलग-अलग प्रकार के ऑर्गेनिक और रासायनिक खाद मौजूद हैं, लेकिन गार्डन के गमले या पॉट में लगे पेड़ पौधों को स्वस्थ रखने और उनकी बेहतर ग्रोथ के लिए घर पर तैयार जैविक खाद का उपयोग करना पौधों के लिए बेहतर माना जाता है. ऐसे में रोजाना घर के किचन से सब्जियों के ढेर सारे छिलके निकलते हैं, जिसे हमेशा हम कूड़े वाली बाल्टी में फेंक देते हैं. जबकि आप इसका इस्तेमाल खाद के तौर पर कर सकते हैं. ऐसे में एक सब्जी है मटर जिसके छिलके को पौधों में खाद के तौर पर इस्तेमाल करना बेहतर माना जाता है.
दरअसल, मटर छीलने के बाद ज्यादातर लोग इसके छिलकों को बेकार समझकर फेंक देते हैं. लेकिन अगर आप चाहें तो मटर के छिलकों को गार्डन में इस्तेमाल करके पूरा पैसा वसूल कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं गार्डन में मटर के छिलकों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.
लोग गार्डन में अपने पौधों को हरा-भरा और बेहतर ग्रोथ के लिए मार्केट से महंगी खाद खरीदते हैं. मगर उनमें मौजूद केमिकल्स पौधों और मिट्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में मटर के छिलके गार्डन के लिए बेस्ट खाद का काम करते हैं. वहीं इन छिलकों को फेंकने की बजाए आप इनसे गार्डन के लिए ऑर्गेनिक खाद बना सकते हैं. जिससे आपका गार्डन हरा-भरा और खूबसूरत दिखने लगेगा. साथ ही उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.
ये भी पढ़ें:- मात्र 120 रुपये में मिलेगी पहाड़ों की फेमस ये खास सोयाबीन, स्वाद और सेहत का है खजाना
बात करें मटर के छिलके से खाद बनाने कि तो इसके लिए आपको सबसे पहले छिलकों को तोड़ कर छोटा करें. फिर उसे मिक्सर ग्राइंडर में डालें. साथ ही इसमें थोड़ा सा पानी मिक्स कर दें, जिससे छिलके आसानी से पिस जाएंगे. इसके बाद उसे पीसकर छन्नी से छान लें और फिर किसी बोतल में भरकर रख लें. ऐसे आपकी ऑर्गेनिक खाद बनकर तैयार हो जाती है. फिर इसे आप हर रोज गार्डन की मिट्टी पर छिड़काव करें. कुछ दिनों में आप देखेंगे कि आपके गार्डन में लगे पौधे दोगुनी तेजी से बढ़ने लगेंगे और आपका पौधा फल और फूलों से भर जाएगा.
मटर की तरह इसके छिलकों में भी पोषक तत्वों का खजाना होता है. मटर के छिलकों को पोटेशियम, फाइबर, कॉपर और कई विटामिन्स का बेहतर सोर्स माना जाता है. ऐसे में मटर के छिलकों का गार्डन में इस्तेमाल करके आप पौधों को हमेशा हेल्दी रख सकते हैं. साथ ही खाद के पैसे भी बचा सकते हैं क्योंकि ये घर पर बनाई गई जैविक खाद ऑर्गेनिक खाद से अच्छी होती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today