रबी सीजन में किसानों को सस्ती दरों पर खाद देने के लिए केंद्र सरकार ने उर्वरकों पर एनबीएस सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इसके लिए सरकार लगभग 24,475 करोड़ रुपये खर्च करेगी. बता दें कि खरीफ फसलें लगभग कटाई के लिए तैयार हैं और रबी सीजन की फसलों की बुवाई अक्तूबर महीने से शुरू हो जाएगी. रबी सीजन में गेहूं समेत अन्य फसलों की बुवाई के लिए किसानों को खाद की जरूरत होती है. ऐसे में किसानों को सस्ती कीमत पर खाद उपलब्ध कराने के लिए केंद्र ने यह बड़ा फैसला लिया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसल सत्र 2024-25 अक्तूबर से मार्च तक के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को स्वीकृति दे दी है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है. रबी फसल सत्र 2024-25 में खाद की जरूरत पूरी करने के उद्देश्य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है. कहा गया है कि इस संबंध में रबी फसल सत्र 2024 के लिए अस्थायी बजटीय जरूरत लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये होगी.
केंद्र सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा. इस पहल से किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. इसके अलावा उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जाएगा. किसानों को सस्ती कीमतों पर इन उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ रबी सत्र 2024 के लिए अनुमोदित दरों के आधार पर फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाएगी.
सरकार उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती दरों पर 28 ग्रेड के फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरक उपलब्ध करा रही है. ऐसे पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी अप्रैल 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी एनबीएस योजना के तहत नियंत्रित होती है. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किफायती दाम पर पीएंडके उर्वरकों की उपलब्धता बनाए रखेगी.
सरकार ने उर्वरकों यानी यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए रबी 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 1 अक्तूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है. उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुसार सब्सिडी दी जाएगी ताकि किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक उपलब्ध करायी जा सके.
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