खरीफ सीजन और रबी सीजन की फसलों की पैदावार और क्वालिटी बेहतर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को 36 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणित बीज सौंपे हैं. सरकार का उद्देश्य उत्तम क्वालिटी का प्रोडक्शन हासिल करना है, ताकि किसानों को अधिक मूल्य दिलाया जा सके. मध्य प्रदेश कृषि विभाग ने बताया है कि मक्का-तिल उत्पादन में राज्य पहले नंबर पर पहुंच गया है, जबकि गेहूं, चना और सोयाबीन के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है.
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह ने कहा है कि बीज प्रमाणीकरण संस्था का गठन भारत सरकार द्वारा अधिसूचित बीज अधिनियम 1966 की धारा 8 के तहत किया गया है. बीज प्रमाणीकरण संस्था के जरिए बीते एक वर्ष के दौरान बीज प्रमाणीकरण का अहम कार्य किया गया. प्रमाणित बीजों से प्रदेश में फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि संस्था का मुख्य कार्य निर्धारित मानक के अनुरूप बेस्ट क्वालिटी के बीजों का प्रमाणीकरण करना है. प्रमाणित बीजों से प्रदेश में फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी, जो किसानों के लिए अच्छी आय का जरिया बनेगी. बीज प्रमाणीकरण संस्था के टैग्स पर 2डी क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जा रहा है. किसी भी एन्ड्रॉयड फोन से इसे स्कैन किया जा सकता है. स्कैन करने पर प्रमाणित बीज लॉट के लिए जारी प्रमाण पत्र खुल जायेगा, जिसमें बीज लॉट की सभी जानकारी उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी के जरिए पैकिंग और टैगिंग की गई और इसके बारे में जानकारी स्कैन करके देखी जा सकती है. केंद्र सरकार की ओर तैयार किये गये साथी पोर्टल पर बीजोत्पादन कार्यक्रम और बीज का ट्रेसेबिलिटी ऑथेन्टिकेशन की जानकारी ली जा सकती है. किसान साथी पोर्टल की वेबसाईट https://seedtrace.gov.in/ पर जाकर बीजों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.
राज्य कृषि विभाग की ओर से कहा गया है कि खरीफ 2024 सीजन में 1.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बीज प्रमाणीकरण के लिए रजिस्टर्ड हुआ है. 15 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित किए गए हैं. जबकि, रबी सीजन में 1.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बीज प्रमाणीकरण के लिए रजिस्टर किया गया है और 21.86 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित किए गए हैं. इस तरह से करीब 36 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों की किसानों ने बुवाई की है.
बीजों के प्रमाणीकरण का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना है. कृषि विभाग ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन में अग्रणी है और किसानों की मेहनत से उत्पादन में बढ़त देखी जा रही है. कहा गया है कि मध्य प्रदेश मक्का-तिल उत्पादन में पहले स्थान पर है. जबकि, गेहूं, चना, सोयाबीन समेत कई फसलों में दूसरे स्थान पर है. मूंगफली और सरसों के उत्पादन में राज्य तीसरे नंबर पर है.
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