राज्य में खाद की दुकानों पर खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हैं.वहीं राज्य सरकार खाद की समस्या का जिम्मेवार केंद्र सरकार को बता रही है. प्रदेश के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य को जितनी खाद की जरूरत है.उसका आधा ही खाद केंद्र सरकार दे रही है.वहीं राज्य को बीज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज उत्पादन करने वाली एजेंसियों को कृषि विभाग की जमीन दी जाएगी.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में उर्वरक की समस्या के बारे में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया से मुलाकात करेंगे.
पत्रकारों से बात करते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि रबी सीजन में अक्टूबर से 19 दिसम्बर तक यूरिया 63 प्रतिशत, डी0ए0पी0 84 प्रतिशत एवं एम0ओ0पी0 55 प्रतिशत की आपूर्ति की गई है.उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि 19 दिसंबर तक बिहार को 7 लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है.जिसके एवज में अभी तक मात्र 63 प्रतिशत खाद की सप्लाई की गई है.
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने नई सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अभी यूरिया की बिहार में बहुत ज्यादा जरूरत है.लेकिन केंद्र सरकार जनवरी में भेजने को बात कर रही है.केंद्र सही समय पर यूरिया नहीं भेज रही हैं.ससमय यूरिया की आपूर्ति नहीं होने के कारण कई जिलों में यूरिया की उपलब्धता आवश्यकता से काफी कम है.खरीफ मौसम के अंतिम दिनों में अच्छी वर्षा होने के कारण खेतों में पर्याप्त नमी रहने से रबी 2022-23 में गत वर्ष से आच्छादन अधिक होने की संभावना है.ऐसी स्थिति में यूरिया की मांग भी अधिक होगी. उन्होंने आगे बताया कि रबी 2022-23 में राज्य को बाहर से यूरिया भी आवंटित किया गया है.अक्टूबर में कुल आवंटन का 5 प्रतिशत, नवम्बर में कुल आवंटन का 35 प्रतिशत एवं दिसंबर में 19 तारीख तक 52 प्रतिशत ही आपूर्ति की गई है, जिसके कारण रबी मौसम में यूरिया की उपलब्धता काफी कम रही है.अगर समय से पर्याप्त मात्रा में केंद्र सरकार खाद दे तो राज्य में खाद की कालाबाजारी खत्म हो जाएगी.
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब राज्य के किसानों को फसलों के लिए यूरिया एवं डी॰ए॰पी॰ की जरूरत पड़ती है.तब आवंटन रहने के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा बिहार को जरूरत के अनुसार यूरिया एवं डी॰ए॰पी॰ उपलब्ध नहीं कराया जाता है.आगे उन्होंने कहा कि रबी 2019-20 एवं 2020-21 में उर्वरक की उपलब्धता रबी 2021-22 की तुलना में बेहतर थी, जिसके कारण उन वर्षों में राज्य में उर्वरक की उपलब्धता को लेकर अधिक समस्या उत्पन्न नहीं हुई थी. यूरिया की उपलब्धता नहीं होने पर गत वर्ष की तरह इस बार भी विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो राज्य हित में नहीं है.
कृषि मंत्री कुमार ने कहा कि किसानों को ससमय निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाया गया है. इसके तहत राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारी नियमित रूप से उर्वरक प्रतिष्ठान का निरीक्षण एवं सघन छापामारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि खरीफ 2022 में कुल 8,633 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापामारी की गई है, जिसमें से 120 उर्वरक प्रतिष्ठानों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है एवं 381 उर्वरक प्रतिष्ठान की अनुज्ञप्ति रद्द की गई है.आगे उन्होंने कहा कि रबी 2022-23 में 19 दिसम्बर तक कुल 2,073 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापामारी की गई है, जिसमें से 46 उर्वरक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है. 29 उर्वरक प्रतिष्ठानों की अनुज्ञप्ति रद्द की गई है.
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में आने वाले समय में बीज के लिए किसानों को दिक्कत न हो.इसके लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि बीज उत्पादन करने वाली एजेंसियों को कृषि विभाग अपनी जमीन देगी.और वह बीज उत्पादन करेंगे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today