Dhanuka ने बेयर एजी के फंगीसाइड फॉर्मूलेशन खरीदे, 20 से ज्यादा देशों में पहुंचेगा फसल में फंगस रोकने वाला प्रोडक्ट  

Dhanuka ने बेयर एजी के फंगीसाइड फॉर्मूलेशन खरीदे, 20 से ज्यादा देशों में पहुंचेगा फसल में फंगस रोकने वाला प्रोडक्ट  

धानुका के कार्यकारी निदेशक हर्ष धानुका ने कहा कि वित्त वर्ष 26 की चौथी तिमाही तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हम बेयर एजी के विश्वसनीय ब्रांड्स के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एंट्री करेंगे. हमें 12-15 फीसदी EBITDA मार्जिन हासिल करने की उम्मीद है.

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Dhanuka ने बेयर एजी के फंगीसाइड फॉर्मूलेशन खरीदे, 20 से ज्यादा देशों में पहुंचेगा फसल में फंगस रोकने वाला प्रोडक्ट  धानुका भारत समेत 20 से ज्यादा देशों में प्रोडक्ट बिक्री करेगा.

फसलों में फंगस लगने की बीमारी उत्पादन और क्वालिटी को गिरा देती है. इससे किसानों को अपनी उपज को कम दाम पर बेचकर नुकसान उठाना पड़ता है. फंगस को रोकने में कारगर वैश्विक स्तर की एग्रोकेमिकल कंपनी बेयर एजी (Bayer AG) के दो फंगीसाइड फॉर्मूलेशन के अधिकार को धानुका एग्रीटेक (Dhanuka Agritech) ने खरीद लिया है. धानुका भारतीय किसानों को कृषि इनपुट और सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली दिग्गज कंपनी है. इस सौदेबाजी के साथ ही धानुका भारत समेत 20 से ज्यादा देशों में फंगस से छुटकारा दिलाने वाले प्रोडक्ट की बिक्री कर सकेगी. 

अग्रणी कृषि इनपुट कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने बेयर एजी के दो प्रमुख कवकनाशकों इप्रोवालिकार्ब और ट्रायडीनेनॉल के वैश्विक बाजारों में बिक्री के लिए अंतर्राष्ट्रीय अधिकार खरीद लिए हैं. धानुका के बयान के अनुसार यह स्ट्रेटजिक अधिग्रहण सौदा 165 करोड़ रुपये में किया गया है. इसके साथ ही धानुका को लैटिन अमेरिका, यूरोप, एशिया और भारत से लेकर 20 से अधिक देशों के बाजारों में पहुंच हासिल हो गई है. कृषि इनपुट सॉल्यूशन और खेती में इनोवेशन के लिए मशहूर वैश्विक कंपनी बेयर एजी ने इन दोनों फॉर्मूलेशन को विकसित किया है. 

क्या हैं इप्रोवालिकर्ब और ट्रायडिमेनॉल 

इप्रोवालिकर्ब का इस्तेमाल बागवानी फसलों में ऊमाइसीट्स रोगों से निपटने के लिए किया गया है. यह एक खास तरह का कवकनाशी यानी फंगीसाइड है. इप्रोवालिकर्ब मेलोडी डुओ, मेलोडी कॉम्पैक्ट और मेलोडिका जैसे चर्चित ब्रांड के नाम से उपलब्ध है. वहीं, ट्रायडिमेनॉल एक प्रभावी बीज उपचार कवकनाशी के रूप में पहचाना जाता है. ट्राइडिमेनॉल का व्यापक रूप से अनाज, कपास और कॉफी में इस्तेमाल किया जाता है. इसे एसबीआई क्लास 1 कैटेगरी में रखा गया है जो खेती में इसके अधिक असर और ट्रस्ट को दर्शाता है. इसका इस्तेमाल बीजोपचार के रूप में किया जाता है. 

वैश्विक बाजार में बढ़ेगी धानुका की हिस्सेदारी 

धानुका के अनुसार इप्रोवालिकार्ब की मौजूदा बाजार हिस्सेदारी 50 फीसदी है. जबकि ट्रायडीनेनॉल की ब्राजील के बाजारों में 20-25 फीसदी के बीच बाजार हिस्सेदारी के साथ मजबूत पकड़ है. इसलिए यह सौदेबाजी धानुका के लिए वैश्विक स्तर पर पैठ बनाने में अहम साबित होगी. धानुका अगले 2-3 वर्षों के भीतर इप्रोवालिकर्ब के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग ऑपरेशन को दाहेज प्लांट में शुरू करने की योजना बना रहा है. 

15 फीसदी EBITDA मार्जिन हासिल करने का टारगेट 

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक हर्ष धानुका ने कहा कि वित्त वर्ष 26 में भारत में पहली तिमाही से रेवेन्यू जेनरेट होना शुरू हो जाएगा और चौथी तिमाही तक ऑपरेशन पर पूरे नियंत्रण के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हम बेयर एजी के विश्वसनीय ब्रांड्स के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एंट्री करेंगे. हमारा ध्यान लागत प्रभावी फसल समाधान बनाने पर है. 2023 में इन उत्पादों से 220 करोड़ का रेवेन्यू था. हम इन प्रोडक्ट को शामिल करने के बाद 12-15 फीसदी के EBITDA मार्जिन हासिल करने का टारगेट है. उन्होंने कहा कि भविष्य में हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ सहयोग करके वैश्विक B2B मॉडल के साथ आगे बढ़ने का इरादा रखते हैं. 

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