Crop Care: मक्का, कपास और मिर्च किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ेगी उपज-घटेगा खर्च

Crop Care: मक्का, कपास और मिर्च किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ेगी उपज-घटेगा खर्च

कोर्टेवा एग्रीसाइंस का डेलिगेट अब नए अपडेट के साथ और भी असरदार! मक्का, कपास और मिर्च के किसानों के लिए यह कीटनाशक फॉल आर्मीवर्म व थ्रिप्स पर तेज़ नियंत्रण देता है, साथ ही लाभकारी कीटों के लिए सुरक्षित है. टिकाऊ खेती और बेहतर पैदावार के लिए डेलिगेट अपनाएं.

Advertisement
Crop Care: मक्का, कपास और मिर्च किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ेगी उपज-घटेगा खर्चकोर्टेवा का डेलिगेट बना किसानों का मजबूत साथी

कृषि क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव के बीच, किसानों को अब ऐसे समाधान की जरूरत है जो उनकी फसलों की रक्षा करे और साथ ही पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हो. इसी दिशा में कोर्टेवा एग्रीसाइंस (Corteva Agriscience) ने अपने लोकप्रिय कीटनाशक डेलिगेट में नया अपडेट पेश किया है. यह अपडेट मक्का, कपास और मिर्च के किसानों के लिए एक मजबूत और टिकाऊ फसल सुरक्षा समाधान साबित हो रहा है.

डेलिगेट: वर्षों से किसानों का साथी

कई वर्षों से डेलिगेट भारतीय किसानों का भरोसेमंद सहयोगी रहा है. यह मक्का में फॉल आर्मीवर्म (FAW) और कपास व मिर्च में थ्रिप्स जैसे हानिकारक कीटों पर तेज़ और असरदार नियंत्रण के लिए जाना जाता है. अब इसके नए अपडेट से यह और भी अधिक प्रभावी, टिकाऊ और किफायती बन गया है.

लाभकारी कीटों के लिए सुरक्षित

डेलिगेट का एक बड़ा फायदा यह है कि यह मधुमक्खियों और अन्य प्राकृतिक परभक्षियों के लिए सुरक्षित है. यानी यह फसल के साथ-साथ खेत के पारिस्थितिक संतुलन (ecological balance) को भी बनाए रखता है. यह आधुनिक एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिससे फसलों की बेहतर सेहत और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है.

कम स्प्रे, अधिक सुरक्षा और बचत

डेलिगेट का असर लंबे समय तक बना रहता है, जिससे बार-बार स्प्रे करने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे किसान का समय, श्रम और पैसा — तीनों की बचत होती है. इसका अवशिष्ट प्रभाव (residual effect) फसल को लम्बे समय तक कीटों से सुरक्षा देता है और पैदावार बढ़ाता है.

मक्का, कपास और मिर्च में डेलिगेट का सही उपयोग

मक्का के लिए:

  • पहला स्प्रे: बोआई के 15–25 दिन बाद करें, ताकि FAW से प्रारंभिक सुरक्षा मिले.
  • दूसरा स्प्रे: 30–35 दिन पर करें, इससे भुट्टों की गुणवत्ता बढ़ती है और उत्पादन में सुधार होता है.

कपास के लिए:

  • पहला स्प्रे: फूल आने के समय थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए.
  • दूसरा स्प्रे: बॉल बनने के समय, जिससे बॉल की वृद्धि और अन्य कीटों से सुरक्षा मिलती है.

मिर्च के लिए:

  • पहला स्प्रे: फूल आने के समय करें.
  • दूसरा स्प्रे: फल लगने की शुरुआत में करें, ताकि थ्रिप्स से होने वाले नुकसान से बचा जा सके और फल की गुणवत्ता बेहतर हो.

सतत कृषि की दिशा में कदम

डेलिगेट सिर्फ एक कीटनाशक नहीं, बल्कि एक सतत कृषि समाधान है. यह किसानों को रणनीतिक फसल प्रबंधन की ओर बढ़ाता है, जहां वे अनावश्यक स्प्रे करने के बजाय योजनाबद्ध तरीके से फसल की रक्षा कर सकते हैं.

किसानों के भविष्य को मजबूत बनाता है

कोर्टेवा एग्रीसाइंस का उद्देश्य भारतीय किसानों को उच्च उत्पादकता, बेहतर गुणवत्ता और आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है. डेलिगेट इसी सोच का हिस्सा है- यह किसानों को टिकाऊ, भरोसेमंद और लाभदायक खेती की ओर ले जाता है.

डेलिगेट के नए अपडेट के साथ भारतीय किसान अब और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकते हैं. यह कीटनाशक न केवल कीटों पर सटीक नियंत्रण देता है बल्कि खेत के पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है. डेलिगेट अपनाएं और अपनी फसलों की गुणवत्ता, उत्पादन और लाभ- तीनों में बढ़ोतरी करें.

ये भी पढ़ें: 

नासिक के किसानों की प्याज पर MSP की मांग तेज, मौसम और लागत ने बढ़ाई चिंता
Fish Care in Pond: शुरू हो गया ठंड का मौसम, मछलियों के तालाब में सुबह-शाम जरूर करें ये खास काम 

POST A COMMENT