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Budget 2024: फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी स्कीम्स के लिए 4 लाख करोड़ जारी होंगे? बजट में खेती के लिए घोषणा संभव 

Budget 2024: फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी स्कीम्स के लिए 4 लाख करोड़ जारी होंगे? बजट में खेती के लिए घोषणा संभव 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट में खाद्य और खेती के लिए उर्वरक सब्सिडी के लिए ज्यादा बजट की उम्मीद की जा रही है. खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए सरकार 4 लाख करोड़ रुपये बजट की घोषणा की संभावना है.

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खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए अंतरिम बजट में ज्यादा बजट घोषित होने की उम्मीद की जा रही है. खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए अंतरिम बजट में ज्यादा बजट घोषित होने की उम्मीद की जा रही है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट में कई जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट जारी होने के साथ ही खाद्य और खेती के लिए उर्वरक सब्सिडी के लिए इस बार ज्यादा बजट की घोषणा करने की उम्मीद की जा रही है. कहा जा रहा है कि खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए सरकार 4 लाख करोड़ रुपये बजट की घोषणा कर सकती है. 

खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए कुल बजट का 9वां हिस्सा 

बजट उम्मीदों को लेकर सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए लगभग 4 लाख करोड़ रुपये निर्धारित कर सकता है. 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत के 45 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट खर्च का लगभग 9वां हिस्सा खाद्य और उर्वरक सब्सिडी का है. 

खाद्य सब्सिडी बढ़ाने की प्रबल संभावना 

सूत्रों के हवाले से आई सूचना के अनुसार उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अगले साल का खाद्य सब्सिडी बजट 2.2 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है. यह मौजूदा 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित लागत से 10 फीसदी अधिक है. सूत्रों के अनुसार मंत्रालय अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 की उर्वरक सब्सिडी 1.75 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो मौजूदा 2022-23 वित्तीय वर्ष के लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है. हालांकि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा है. 

राशन और खाद कीमतों के चलते बजट बढ़ने की उम्मीद 

कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव का सामना करने वाली सरकार के लिए संयुक्त सब्सिडी को मौजूदा स्तर पर बनाए रखना काफी जरूरी है. खाद्य सब्सिडी बिल अगले साल भी बढ़ने की संभावना है क्योंकि पिछले साल के अंत में सरकार ने मुफ्त खाद्य वितरण योजना को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है. सरकार किसानों से राज्य-निर्धारित न्यूनतम या गारंटीकृत कीमतों पर चावल और गेहूं खरीदकर और फिर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में खाद्य पदार्थ करती है. ऐसे में अतिरिक्त खाद्यान्य खरीद के लिए बजट की जरूरत होगी. जबकि, उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, क्योंकि खाद विक्रेताओं को आयात पर अतिरिक्त कीमतों का भुगतान करना पड़ता है, जो अंतिम कड़ी किसानों को महंगी कीमत के रूप में चुकाना पड़ता है. 

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