बिहार सरकार खाद में होने वाले खर्च को कम करने की तैयारी कर रही है. इस योजना के तहत बिहार सरकार राज्य के किसानों के बीच यूरिया की जगह नैनो यूरिया को बढ़ावा देना चाहती है. इसकी तैयारी बिहार सरकार ने शुरू कर दी है. इस संबंध में बीते दिनों बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि नए वर्ष में कृषि विभाग द्वारा नैनो यूरिया कि उपयोगिता और उससे होने वाले लाभ को लेकर किसानों को जागरूक किया जाएगा. ताकि अधिक से अधिक किसान नैनो यूरिया का उपयोग कर सकें.
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उन्होंने कहा कि रबी फसलों के मौसम में यूरिया की आवश्यकता 12.70 लाख टन का आकलन है. अभी तर अक्टूबर से दिसंबर तक 82 प्रतिशत यूरिया कि आपूर्ति हुई है. नैनो यूरिया के उपयोग से वायु, जल, और मिट्टी प्रदूषण में कमी होगी और इसके उपयोग से खर्च भी कम होगी.
बुधवार को कृषि मंत्री ने मीठापुर के कृषि भवन के ऑडिटोरियम में कृषि डायरी 2023 का विमोचन किया. विमोचन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस कृषि डायरी में कृषि विभाग द्वारा संचालित अलग-अलग योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी गई है. इसमें विभागीय पदाधिकारियों की भी जानकारी दी गई है. यह डायरी किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी. ये डायरी पंचायत स्तर तक के सभी पदाधिकारियों और प्रसार कर्मियों को भी उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं अधिकारियों को निर्देश दिया की किसानों को सही कीमत पर खाद मिले.
मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि किसानों को केंद्र बिंदु में रखते हुए कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए चौथे रोड मैप के सूत्रीकरण का काम किया जा रहा है. बिहार के समावेशी विकास की परिकल्पना साकार करने के लिए चौथे रोड मैप में महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया जा रहा है.
चौथे कृषि रोड मैप में फसल विविधीकरण, दलहन और तिलहन फसल के विकास, पोषक अनाज, जुट विकास और इन फसलों के बीज के लिए विशेष प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही जल उपयोग जरूरतों, गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की जोखिम और मिट्टी की कटाव को रोकने के लिए कार्यक्रम का सूत्रीकरण किया जाएगा.
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