खेती-बाड़ी का खर्च देखें तो उसमें सबसे बड़ा रोल खाद और बीज का होता है. इन पर ही किसान का सबसे अधिक खर्च भी होता है. लेकिन परेशानी तब खड़ी हो जाती है जब किसान असली माल के लिए पैसे देता है, पर उसे नकली खाद या बीज चेंप दिया जाता है. यही वजह है देश में खाद-बीज की बेतहाशा मांग को देखते हुए और उसकी सप्लाई में कमी के चलते कई नकली कंपनियां अपना काम कर लेती हैं. हर सीजन में ऐसी खबरें आती हैं कि फलां कंपनी की नकली खाद पकड़ी गई. फलां कंपनी का बीज जांच में पकड़ा गया. इसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई होती है, लेकिन वह नाकाफी है क्योंकि इसका नेक्सस दूर तक फैला है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए किसानों को खुद ही सावधान रहना होगा और असली माल की पहचान करनी होगी.
किसान इस काम को आसानी से कर सकते हैं. अच्छी बात ये है कि असली-नकली की पहचान के लिए किसी महंगे किट या टेस्टिंग टूल की जरूरत नहीं है बल्कि देसी तरीकों से पहचान की जा सकती है. इन देसी तरीकों को आप खूब बढ़िया से जानते हैं. बीजों की पहचान दांत के नीचे दबाने पर किया जाता है. बीज दबाते ही कट्ट या किच्च की आवाज आती है. ठीक वैसे ही जैसे कपड़े की पहचान उसे छूकर या मलकर करते हैं. दूध की पहचान अंगूल से टपका कर करते हैं. इसी तरह खादों की पहचान के लिए हम आपको कुछ आसान विधि बताएंगे.
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यूरिया की पहचान विधि
इसके सफेद चमकदार लगभग समान आकार के गोल दाने होते हैं. पानी में पूरी तरह से घुल जाते हैं. घोल छूने पर ठंडी लगती है. गर्म तवे पर रखें तो दाने पिघल जाते हैं और आंच तेज करने पर कोई अवशेष नहीं बचता.
डीएपी की पहचान विधि
डीएपी का दाना सख्त दानेदार भूरा काला बादामी रंग का होता है. यह नाखून से आसानी से नहीं टूटता. डीएपी के कुछ दानों को लेकर तंबाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलने पर तीखी गंध निकलती है. इस गंध को सूंघना आसान नहीं होता. तवे पर धीमी आंच में गर्म करने पर दाने फूल जाते हैं.
सुपर फास्फेट की पहचान विधि
सुपर फास्फेट सख्त दानेदार होता है और इसका रंग भूरा काला बादामी होता है. यह नाखूनों से आसानी से नहीं टूटने वाला उर्वरक है. यह चूरे के रूप में भी उपलब्ध होता है. इस खाद में अकसर डीएपी और एनपीके की मिलावट देखी जाती है. इसे गर्म तवे पर रखें तो अगर इसके दाने फूल रहे हैं तो समझ लें कि इसमें डीएपी की मिलावट है.
जिंक सल्फेट की पहचान विधि
जिंक सल्फेट में मैग्नीशियम सल्फेट प्रमुख मिलावटी केमिकल होता है. यही वजह है जिंक सल्फेट की नकली असली की पहचान मुश्किल होती है. डीएपी के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्का जम जाता है. इस तरह की जांच मैग्नीशियम सल्फेट के साथ करने पर उसमें थक्का नहीं जमात. जिंक सल्फेट के घोल में पतले कास्टिक का घोल मिलाने पर सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है जिसमें गाढ़ा कास्टिक का घोल मिलाने पर थक्का पूरी तरह से घुल जाता है. यदि जिंक सल्फेट की जगह पर मैग्नीशियम सल्फेट है तो थक्का नहीं घुलेगा.
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पोटाश खाद की पहचान विधि
पोटाश सफेद दानेदार होता है जिसमें पिसे नमक और लाल मिर्च जैसा मिश्रण होता है. इसमें आपको लाल मिर्च का रंग दिखेगा. इसके कण को नम करें तो आपस में चिपकते नहीं हैं. पानी में घुलाने पर इस खाद का लाल भाग पानी में ऊपर तैरता है.
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