अलवर जिले में डीएपी खाद की मारामारी शुरू हो चुकी है. सभी सहकारी केंद्रों पर डीएपी के लिए किसानों की लंबी लाइन लग रही है. किसानों को 10 से 12 घंटे लाइन में लगना पड़ रहा है, उसके बाद भी खाद भी नहीं मिल रही है. परेशान किसानों ने समिति संचालकों पर खाद को ब्लैक में बेचने का आरोप लगाया. वहीं, किल्लत के बीच कई जगहों पर समिति परिसर में खाद खरीदने को लेकर किसानों के बीच धक्का-मुक्की और गाली-गलौच जैसे हालात भी दिखाई दिए.
अलवर में फसल की बुवाई के साथ ही क्रय-विक्रय सहकारी समिति में डीएपी खाद लेने के लिए लंबी कतार लग रही है. रातभर किसान लाइन में लगते हैं. खाद के लिए धक्का-मुक्की, गाली-गलौच और अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है. केंद्रों पर सुबह से ही हजारों लोग खाद लेने पहुंचे.
आधार कार्ड से अंगूठा लगाकर प्रति व्यक्ति दो कट्टे दिए जाने की प्रक्रिया की गई. भीड़ के कारण महिलाएं और पुरुष घंटों तक लाइन में खड़े हैं. कई बार आपसी झगड़े और लाइन तोड़ने की स्थिति बनी तो कुछ जगहों पर पुलिस को तैनात किया गया.
किसान मुखराम यादव ने कहा कि सुबह से भीड़ लगी हुई है और धक्का-मुक्की और गाली-गलौच जैसे हालात हैं. वहीं, एक अन्य किसान कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि अंदर आधार कार्ड से अंगूठा लगाने की प्रक्रिया में समय लग रहा है. सर्वर स्लो चलने से और ज्यादा परेशानी हो रही है.
वहीं, बड़ौदा निवासी गजेंद्र सिंह ने कहा कि सचिव खाद को ब्लैक में बेच रहा है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को गांव में खाद नहीं मिल रही है. मजबूरन शहर आकर लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है. खाद वितरण करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि खाद की भारी कमी है. प्रत्येक केंद्र को केवल 600 कट्टे खाद दी जा रही है. प्रत्येक आधार कार्ड दो कट्टे दिए जा रहे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को खाद मिल सके.
रबी सीजन में सरसों की बुवाई का समय नजदीक होने से किसान अधिक खाद लेना चाहते हैं और इसी वजह से परिवार के तीन-चार सदस्यों को लाइन में खड़ा कर रहे हैं, जिससे भीड़ और बढ़ रही है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि खाद की कमी को देखते हुए सभी जगह पर खाद पहुंचने की प्रक्रिया की जा रही है. बता दें कि इससे पहले देश के कई राज्यों में यूरिया के लिए किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही थीं. वहींं, अब रबी सीजन की बुवाई के पहले किसानों में डीएपी की मांग बढ़ गई है.
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