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काली पर पीली म‍िट्टी ब‍िछा क‍िसान ने क‍िया कमाल, जानें पूरी स्टोरी

काली पर पीली म‍िट्टी ब‍िछा क‍िसान ने क‍िया कमाल, जानें पूरी स्टोरी

महाराष्ट्र के अकोला जिले में किसान ने 20 एकड़ जमीन में काली मिट्टी पर पीली मिट्टी बिछाकर नया प्रयोग किया. किसान का ये प्रायोग सफल रहा है और आज किसान को इससे अच्छा उत्पादन और गुणवत्ता दोनों मिल रहा है. 

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किसान ने खेत में काली मिट्टी पर पीली मिट्टी बिछाकर किया नया प्रयोग किसान ने खेत में काली मिट्टी पर पीली मिट्टी बिछाकर किया नया प्रयोग

खेती में नए-नए प्रयोग करें तो बेहद अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. महाराष्ट्र के अकोला जिले न‍िवासी सचिन कोरडे पाटिल एक ऐसे ही क‍िसान हैं. अकोला में मुख्य रूप से काली मिट्टी होती है, लेकिन सचिन पाटिल ने इस काली मिट्टी के साथ नया प्रयोग किया.उन्होंने इस मिट्टी पर पीली मिट्टी बिछाई और अब वे फसलों से अच्छा उत्पादन पा रहे हैं. सचिन पाटिल ने 20 एकड़ खेत में मिट्टी के साथ ऐसा प्रयोग किया. प्रयोग सफल रहा और पाटिल ने तरबूज, केला और पपीता की खेती की. आज इस नए प्रयोग का नतीजा है कि पाटिल को खेती से बंपर कमाई हो रही है. उनकी खेती देखने के लिए दूर-दूर के किसान आ रहे हैं. उनके इस प्रयोग के लिए कृषि विभाग की तरफ से सराहना भी दी गई.

किसान बताते है की वो पिछले 11 साल से केले की खेती कर रहे हैं. उनके यहां काली मिट्टी पाई जाती हैं, लेकिन इससे ज्यादा अच्छा उत्पादन नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद उन्होंने पीली मिट्टी का प्रयोग किया और आज अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों पा रहगे हैं.

पीली मिट्टी से अच्छा उत्पादन मिल रहा 

किसान सचिन पाटिल ने बताया की काली मिट्टी के मुकाबले पीली मिट्टी में फसल अच्छी होती है. इस मिट्टी से फसलों पर कीटों का अटैक बहुत कम होता हैं.पाटिल का कहना है कि उन्होंने 2016 में पहली बार एक एकड़ में काली मिट्टी पर पीली मिट्टी बिछा कर प्रयोग किया था. जिसके बाद उन्हें केले का ज्यादा अच्छा उत्पादन मिला और गुणवत्ता दोनों मिला. उसके बाद किसान ने अपने 20 एकड़ में पीली मिट्टी बीछाने का फैसला किया.  

अच्छी गुणवत्ता वाले फसलों को मिला अच्छा दाम  

पाटिल ने बताया कि उनके खेती कि पीली मिट्टी से जो उत्पादन मिल रहा हैं. उसकी गुणवत्ता काफी जिसकी वजह से उन्हें अच्छा भाव मिल रहा हैं. पाटिल का कहना है कि इस साल अच्छी गुणवत्ता वाले केले का उन्हें 30 रुपये प्रति किलो का भाव मिला. साथ तरबुज का भी 20 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा हैं. इसले अलावा पपीते का 10 रुपये प्रति किलो का दाम मिला है. किसान पाटिल द्वारा किये गए इस प्रयोग को देखने के लिए दूसरे अन्य किसान दूर -दूर से आ रहे हैं. दूसरे किसान भी अब इस तरह का प्रयोग कर रहे हैं. 

काली मिट्टी में ये फसल उगाई जताईं हैं

महाराष्ट्र में विभिन्न प्रकार की मिट्टी पाई जाती है. महाराष्ट्र का 80% से अधिक भाग बेसाल्ट चट्टान से बना है. इस कारण महाराष्ट्र में बेसाल्ट चट्टान से बड़ी मात्रा में काली मिट्टी का निर्माण हुआ है.राज्य में रेगुर मिट्टी को काली मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है. काली में ज्यादातर केला, गन्ना, गेहूं, ज्वार, सूरजमुखी, खट्टे फल, सब्ज़ियां उगाई जताई हैं.