पूरे देश में चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. इस मौके पर श्रद्धालु 9 दिन का व्रत रखते हैं, जिनमें फलाहार के लिए कुट्टू (kuttu) और सिंघाड़े (water chestnutstay) के आटा का सेवन किया जाता है. कुट्टू को अंग्रेजी में बकव्हीट कहते हैं. यह कोई अनाज नहीं है बल्कि इसे ठंडे प्रदेशों में उगाया जाता है. कुट्टू और सिंघाटे के आटे का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. वहीं नवरात्र के दौरान कुट्टू और सिंघाड़े के आटे की खपत बढ़ जाती है, लेकिन इस दौरान मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं. कुट्टू और सिंघाड़े के आटे में मिलावट के चलते ही नवरात्र के दौरान फूड प्वाइजनिंग से बीमार होने की खबरें खूब आती है. इसलिए किसान तक कुट्टू और सिंघाड़े के आटे की पहचान के कुछ आसान तरीके आपको बताने जा रहा है, जिसके जरिए बड़े आराम से आप असली और नकली की पहचान कर सकते हैं.
लखनऊ के सहायक आयुक्त खाद्य डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने किसान तक से बात करते हुए बताया कि अक्सर और सिंघाड़े के आटे में मिलावट की शिकायत मिलती है, जिसको देखते हुए इनका सैंपल भी भरवाते हैं. कुट्टू के आटे को बड़े ही आसानी से इन खास टिप्स के जरिए पहचान सकते हैं.
कुट्टू के आटे के रंग को देखकर पहचाना जा सकता है. इसका आटा भूरे रंग का होता है, यदि इसमें किसी तरह की मिलावट होती है तो आटे का रंग हरा या गहरा दिखाई देता है. इसलिए दुकान से खरीदते समय आटे का रंग देखकर भी इसकी पहचान की जा सकती है.
सहायक आयुक्त खाद्य डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुट्टू के आटे की पहचान करने के लिए एक कांच की गिलास में पानी लें और उसमें कुट्टू का आटा मिला दे. यदि आटे में मिलावट होगी तो सतह पर यह तैरने लगेगी, जबकि आटा नीचे बैठ जाएगा.
कुट्टू का आटा अगर मिलावटी होगा तो गूंथने के समय यह बिखर जाएगा. अगर मिलावट नहीं होगी तो यह आसानी से गूंथते लगता है.
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सिंघाड़े के आटे में कई तरह की मिलावट होती है, जिसको बड़ी आसानी से घर पर पहचाना जा सकता है. सहायक आयुक्त खाद्य ने बताया कि सिंघाड़े के आटे में आरारोट की मिलावट होती है. इसलिए आटे के रंग और इसकी चिकनाहट से भी पहचाना जा सकता है. अगर आटे में ज्यादा चिकनाहट है तो जान ले इसमें मिलावट है. वही सिंघाड़े के आटे के आटे को जब गुंथा जाता है तो यह बिखर जाता है. अगर इसमें कोई मिलावट होगी तो यह आसानी से गूंथते लगेगा. सिंघाड़े में ग्लूटेन नहीं होता है इसलिए यह चिपकता नहीं है. कुट्टू के आटे की तरह ही पानी के माध्यम से भी इसमें मिलावट की पहचान की जा सकती है.
लखनऊ के सहायक आयुक्त खाद्य डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुट्टू और सिंघाड़े के आटे खरीदते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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