खाने-पीने की चीजों में मिलावट का खेल सबसे बड़ा है. खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम के द्वारा त्यौहार के मौके पर होने वाली छापामारी से मिलावट के कुछ मामलों से पर्दा उठता है. फिर भी बड़े पैमाने पर मिलावट करने वाले गिरोह सक्रिय हैं.ऐसे में देशी घी में मिलावट का मामला बेहद ही गंभीर हो जाता है. असल में देश में दूध के बाद डेयरी प्रोडक्ट के रूप में सबसे ज्यादा घी का इस्तेमाल होता है. खाने में स्वाद बढ़ाना हो या किसी बीमारी में दवा के रूप देसी घी का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में मुनाफा खोर देशी घी में मिलावट करते हैं. बेशक मिलावट के बाद भी घी रंग से पीला दिखाई दे. लेकिन, उसमें मिलावट होती है, जिसे देखते हुए कहा जाता है कि पीला दिखने वाला हर देशी घी शुद्ध नहीं होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि देशी घी में क्या मिलाया जाता है और कैसे मिनटों में असली और नकली देशी घी की पहचान कर सकते हैं.
आप देसी घी खाने के शौकीन हैं तो संभल कर ही इनका इस्तेमाल करें. देसी घी में मिलावट करने वाले उसमें स्टार्च ,एसेंस और रिफाइन के साथ-साथ वनस्पति घी को मिलाते हैं. इस संबंध में किसान तक की टीम उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों से जानकारी जुटाई. जिन्होंने घर पर असली देसी घी की पहचान करने के आसान टिप्स बताए हैं, जिसको फॉलो करके आप घर बैठे देसी घी को पहचानने में धोखा नहीं खाएंगे.
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देसी घी के पहचान करने की कई तरीके हैं, लेकिन समय के साथ मिलावटखोर पुराने तरीकों को मात देने में सफल हुए हैं, लेकिन आज भी कुछ वैज्ञानिक तरीके हैं,जिसका प्रयोग में लाकर बड़े ही आसानी से मिलावट को पहचाना जा सकता है. खाद्य एवं औषधि विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर डॉ.शैलेंद्र प्रताप सिंह ने देसी घी के पहचान करने के 4 आसान टिप्स बताए हैं..
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