Paddy Farming: धान फसल के लिए मुसीबत बनते हैं ये 5 कीट, बचाव के लिए किसान अपनाएं ये 10 तरीके 

Paddy Farming: धान फसल के लिए मुसीबत बनते हैं ये 5 कीट, बचाव के लिए किसान अपनाएं ये 10 तरीके 

कृषि एक्सपर्ट ने खरीफ सीजन में धान बुवाई के लिए किसानों को सलाह दी है. किसानों को खेत तैयार करने से लेकर बीज शोधन और कीटों से बचने के 10 आसान तरीके बताए गए हैं.

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Paddy Farming: धान फसल के लिए मुसीबत बनते हैं ये 5 कीट, बचाव के लिए किसान अपनाएं ये 10 तरीके धान बुवाई के लिए जुताई करते समय खेत को समतल बनाना जरूरी है.

मॉनसून लगभग देश के हर हिस्से में पहुंच चुका है, जिससे बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने जुलाई और अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है. अच्छी बारिश संभावनाओं को देखते हुए खरीफ सीजन के लिए धान बुवाई शुरू हो गई है. धान की बंपर पैदावार पाने के लिए जितना खेत का अच्छी तरह से तैयार होना जरूरी है उतना ही उर्वरक और सही बीज का इस्तेमाल भी जरूरी है. जबकि, किसानों के सामने कीट सबसे बड़ी समस्या के रूप में खड़े हो जाते हैं. इनकी रोकथाम के लिए कुछ जरूरी बिंदु बताए जा रहे हैं, जिनको अपनाकर किसान बंपर उपज हासिल कर सकते हैं. 

धान की बंपर उपज के लिए एक्सपर्ट की सलाह 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि विज्ञान केंद्र ने खरीफ सीजन में धान बुवाई के लिए किसानों को सलाह दी है. जिसके अनुसार खेत तैयार करने से लेकर बीज शोधन और कीटों से बचने का तरीका बताया है. कृषि एक्सपर्ट के अनुसार धान बुवाई के लिए खेत की पहली जुताई मिटटी पलटने वाले हल से और इसके बाद भी 2-3 जुताई कल्टीवेटर से करनी चाहिए. रोपाई से पहले खेत को पानी से भरकर जुताई करनी चाहिए और जुताई करते समय खेत को समतल बनाना जरूरी है. जुताई के बाद खेत की मजबूत मेड़बंदी कर देनी चाहिए, ताकि बारिश का पानी अधिक समय तक खेत में रोका जा सके.  धान की एक हेक्टेयर रोपाई के लिए बीज की मात्रा 30 से 35 किलोग्राम बीज पौध तैयार करने के लिए सही रहता है. किसान 25 किलोग्राम बीज के लिए 4 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन तथा 75 ग्राम थीरम से बीज का उपचार करने के बाद बुवाई करें.

फसल को इन 5 कीटों से बचाना जरूरी  

धान की फसल में लगने वाले प्रमुख कीटों में दीमक, पत्ती लपेटक कीट, गन्धी बग, सैनिक कीट, तना बेधक जैसे कीट लगते हैं, जो फसल को बर्बाद कर देते हैं. 

फसल को कीटों से बचाने का तरीका

  1. कीटों के नियंत्रण के लिए खेत की जुताई तथा मेंड़ों की छंटाई और घास की सफाई करनी चाहिए. 
  2. फसल को खरपतवारों से मुक्त रखें 
  3. स्वच्छ उर्वरकों का प्रयोग करें. 
  4. अगेती और समय से पौध डालकर तैयार पौध की रोपाई करें 
  5. अवरोधी प्रजातियों की बुवाई करके फसल की उपज लें. 
  6. अधिक दूरी पर 20 सेंटीमीटर गुणे 20 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपाई करें. 
  7. प्रत्येक 20 कतार के बाद एक कतार छोड़कर रोपाई करें. 
  8. सिंचाई का उचित प्रबंध रखें या समयानुसार फसल को पानी दें. 
  9. रोपाई से पहले वाली फसल के अवशेषों को अच्छे से नष्ट करें. 
  10. रोपाई के पहले पौध के उपरी भाग को नष्ट कर रोपाई करें. 
  11. 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर नीम का आधारी कीटनाशकों का प्रयोग करें.
  12. बाद में क्यूनालफास 25 ईसी का 1.25 लीटर या क्लोरोपईरीफास 20 ईसी का 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए.

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