Bitter Gourd Farming: चार स्टेप्स में छत पर ही उगा सकते हैं करेला, जानिए इसका तरीका

Bitter Gourd Farming: चार स्टेप्स में छत पर ही उगा सकते हैं करेला, जानिए इसका तरीका

करेला भले ही खाने में कुछ लोगों को अच्छा न लगता हो, लेकिन इसमें सेहत का खज़ाना ज़रूर छिपा है. इसे आप सात आसान स्टेप्स में अपने घर पर उगा सकते हैं.

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चार स्टेप्स में छत पर ही उगा सकते हैं करेला, जानिए इसका तरीकाप्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

अपने होम गार्डन में करेला (Bitter Gourd) उगाना आसान और फायदेमंद है. आप इसे सात आसान स्टेप्स में अपनी छत पर उगा सकते हैं. इसे गर्म और नमी वाला माहौल पसंद है. अच्छी बात यह है कि भारत के अधिकांश हिस्सों में जलवायु ऐसी ही है, इसलिए आप भी इसे उगा सकते हैं. आइए जानते हैं घर पर करेला उगाने की स्टेप बाई स्टेप गाइड.

स्टेप 1: सही समय और जगह चुनें

करेला गर्म मौसम में अच्छा उगता है इसलिए भारत में मार्च से जून या मानसून की शुरुआत (जुलाई) उपयुक्त समय है. तापमान 25-35 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. अपने गार्डन में ऐसी जगह चुनें जहां कम से कम 6-8 घंटे धूप मिले. करेला की बेल को सहारे की जरूरत होती है इसलिए जगह ऐसी हो जहां ट्रेलिस या जाली लगाई जा सके.

स्टेप 2: बीज का चयन और तैयारी

अच्छी गुणवत्ता के बीज स्थानीय नर्सरी या विश्वसनीय ऑनलाइन स्टोर से खरीदें. हाइब्रिड किस्में जैसे प्रिया, कोयंबटूर लॉन्ग, या पूसा दो मौसमी चुन सकते हैं, जो अधिक उपज देती हैं. बीजों को 24 घंटे गुनगुने पानी में भिगोएं ताकि अंकुरण तेज हो. अगर चाहें तो बीजों को नम कपड़े में लपेटकर 2-3 दिन तक रखें ताकि अंकुर निकल आएं.

करेला अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी में उगता है. गार्डन में 2x2 फीट का गड्ढा खोदें और मिट्टी को ढीला करें. मिट्टी में 50% गोबर की खाद या कम्पोस्ट, 25% रेत, और 25% बगीचे की मिट्टी मिलाएं. पीएच स्तर 6.0-7.0 होना चाहिए. अगर मिट्टी ज्यादा अम्लीय (Acidic) है तो थोड़ा चूना मिलाएं. गड्ढे को समतल करें और उसमें 2-3 इंच मोटी खाद की परत डालें.

स्टेप 3: बीज बोएं, फिर ऐसे करें देखभाल

हर गड्ढे में 2-3 बीज एक इंच गहराई पर बोएं. बीजों के बीच 12-18 इंच की दूरी रखें. अगर पौधे ज्यादा हो गए तो कमजोर पौधों को हटा दें. बोने के बाद हल्का पानी छिड़कें ताकि मिट्टी नम रहे. 7-10 दिनों में अंकुरण शुरू हो जाएगा.

करेला की बेल को सहारे की जरूरत होती है. 4-5 फीट ऊंची जाली, बांस की टहनियां या लकड़ी का ट्रेलिस बनाएं. जब पौधा 6-8 इंच का हो जाए तो उसे सहारे से बांधें. नियमित रूप से पानी दें लेकिन जलभराव से बचें. गर्मियों में हर 2-3 दिन और मानसून में जरूरत के हिसाब से पानी दें. हर 15 दिन में गोबर की खाद या एनपीके 10:10:10 (Nitrogen, Phosphorus, Pottasium) उर्वरक डालें.

करेला में फल मक्खी और पाउडरी मिल्ड्यू जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. कीड़ों से पौधे का बचाव भी बहुत ज़रूरी है. कीटों के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें. पत्तियों को सूखा रखने के लिए सुबह पानी दें. अगर पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखें तो सल्फर-आधारित फफूंदनाशक का उपयोग करें.

स्टेप 4: फसल कटाई

करेला 50-60 दिनों में फल देना शुरू करता है. जब फल 4-6 इंच लंबे और गहरे हरे हों तो उन्हें काट लें. नियमित कटाई से नई फलन बढ़ती है. तेज चाकू या कैंची से फल तोड़ें ताकि पौधे को नुकसान न हो.

इन बातों का रखें ध्यान

बेल की नियमित छंटाई करें ताकि हवा और धूप अच्छे से मिले. ज्यादा पके करेले पीले हो जाते हैं और स्वाद खराब होता है, इसलिए समय पर तोड़ें. मिट्टी को नम रखने के लिए मल्चिंग (घास या पत्तियों की परत बिछाना) करें.

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