किसानों के लिए रबी सीजन की नई सलाह: चना–गेहूं की तैयारी तेज, सरसों में सिंचाई और निराई पर जोर

किसानों के लिए रबी सीजन की नई सलाह: चना–गेहूं की तैयारी तेज, सरसों में सिंचाई और निराई पर जोर

देश के अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए रबी मौसम की नई कृषि सलाह जारी हुई है, जिसमें चना और गेहूं की बुवाई की तैयारी, सरसों में पहली सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, बीज उपचार, सब्जियों की रोपाई और पशुपालन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश शामिल हैं.

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किसानों के लिए रबी सीजन की नई सलाह: चना–गेहूं की तैयारी तेज, सरसों में सिंचाई और निराई पर जोरगेहूं की खेती को लेकर फसल एडवाइजरी जारी

रबी सीजन की तैयारी को ध्यान में रखते हुए देश के अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए फसल-विशेष सलाह जारी की गई है. इसमें राजस्थान के किसानों के लिए खास सलाह दी गई है. चना, गेहूं, सरसों, बड़ी इलायची, सब्जियों और फूलों की खेती के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसान बेहतर पैदावार हासिल कर सकें. इस सलाह में भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने बताया है कि किसानों को क्या करना चाहिए. आइए इसे विस्तार से जानते हैं.

उत्तरी मैदानी और अरावली हिल जोन

आईएमडी की ओर से राजस्थान के किसानों को संरक्षित नमी वाली जमीन में चने की बुवाई की तैयारी जारी रखने की सलाह दी गई है. साथ ही गेहूं के लिए अच्छी क्वालिटी वाले बीज खरीदकर खेत तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है. 

बाढ़ के खतरे वाले पूर्वी जोन

आईएमडी ने राजस्थान के लिए जारी फसल एडवाइजरी में कहा है कि किसान सर्दी की सब्जियों के तैयार पौधों को मुख्य खेत में रोपें. चना बुवाई के लिए उपयुक्त किस्मों का चयन करें. सरसों की फसल में निंदाई–गुड़ाई करें और जरूरत पड़ने पर रसायनों का छिड़काव करें.

राजस्थान के किसानों को गेहूं और जौ की फसल में बीज जनित रोगों की रोकथाम के लिए थिरम 2 ग्राम या मैंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज से उपचार करने की सलाह दी गई है. सरसों की फसल में पहली सिंचाई 28–35 दिन पर करें और बची हुई यूरिया की टॉप ड्रेसिंग इसी समय करें.

सिंचित पश्चिमी मैदानी जोन

मूंगफली की फसल में जरूरत के अनुसार सिंचाई करें. चना, तारामीरा और सरसों की बुवाई जारी रखें. यह जौ, अजवाइन, मेथी, जीरा, इसबगोल, देसी गाजर और मूली की बुवाई का अनुकूल समय है. देर वाली फूलगोभी और पत्तागोभी की रोपाई पूरी करें.

शुष्क पश्चिमी मैदानी क्षेत्र

राजस्थान के शुष्क पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के किसान रबी फसलों की बुवाई के लिए खेत की 2–3 बार हैरोइंग करें. दीमक समस्या वाले खेतों में क्लोरपाइरीफॉस (20 EC) 5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई से पहले डालें. सरसों में पहली सिंचाई फसल 21–30 दिन की होने पर करें.

सिंचित उत्तरी पश्चिमी मैदानी क्षेत्र

समय पर बोई गई सरसों में 9.4 किलोग्राम नाइट्रोजन (84 किलो यूरिया/हेक्टेयर) और देर से बोई गई फसल में 11 किलो नाइट्रोजन (96 किलो यूरिया/हेक्टेयर) पहली सिंचाई के साथ डालें. सिंचाई से पहले और बाद में निंदाई करें और पौधों के बीच 15 सेंटीमीटर दूरी बनाए रखें. चना की बुवाई पूरी करें.

किसान कपास की पकी हुई गांठों की तुड़ाई जारी रखें. गेहूं के अच्छे बीज खरीदकर बुवाई की तैयारी करें.

रबी फसलों की सिंचाई

राजस्थान के किसानों के लिए सलाह है कि मिट्टी में पर्याप्त नमी होने पर रबी फसलों की बुवाई शुरू करें. सरसों में 30–40 दिन पर सिंचाई और बची नाइट्रोजन दें. गेहूं की देर से बुवाई का समय शुरू हो गया है, इसलिए अनुशंसित किस्में इस्तेमाल करें. चना की बुवाई पूरी करें.

पशुपालन सलाह

रात के तापमान में कमी और बदलते मौसम को देखते हुए पशुओं को सुरक्षित शेड में रखें. मक्खी–मच्छर नियंत्रण के लिए सफाई रखें. पशुओं को प्रति दिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक और 50–100 ग्राम मिनरल मिक्सचर आहार के साथ दें. धूल और प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए पशुओं को हवादार और साफ बाड़ों में रखें.

फूलों की खेती– जम्मू एवं कश्मीर

सब–ट्रॉपिकल जोन में गुलदाऊदी (क्राइजेन्थेमम) की निराई करें और सप्ताह में एक बार सिंचाई करें. गुलाब में पुरानी शाखाओं की कटिंग करें ताकि नई टहनियों की बढ़वार अच्छी हो सके.

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