रबी मक्का पर पाले का खतरासर्दियों के कड़कते मौसम में रबी मक्का फसल को ठंड, पाला और कम तापमान से बड़ा खतरा होता है. तापमान के अचानक गिरने से मक्का की बढ़वार रुक सकती है, दाना भराव पर असर पड़ सकता है और उत्पादन में भारी कमी हो सकती है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने किसानों के लिए मक्का को सर्दी से बचाने के लिए 10 महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए हैं, जिन्हें अपनाकर किसान अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और बेहतर उपज पा सकते हैं.
सर्दी के मौसम में मिट्टी का तापमान तेजी से नीचे गिरता है. नमी बनाए रखने से फसल को ठंड से बचाव मिलता है.
सर्दी में सल्फर की उपलब्धता बेहतर रखने के लिए—
यदि बोआई के समय पोटाश का प्रयोग नहीं किया गया है, तो—
सर्दी और ठंडे हवाओं में पौधों की खुराक बाधित होती है. इससे निपटने के लिए मोनो पोटेशियम फॉस्फेट (00:52:34) या सल्फेट ऑफ पोटाश आधारित घुलनशील उर्वरक का 10 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें. यह पौधे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और उपज में सुधार करता है.
ठंड में अत्यधिक यूरिया का उपयोग पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है. यदि नाइट्रोजन की कमी दिखे तो—
पश्चिमी और उत्तरी दिशाओं से आने वाली ठंडी हवाएं मक्का को नुकसान पहुंचाती हैं.
खेत की पश्चिमी और उत्तरी दिशा में फटी धोती, बोरी या प्लास्टिक की चादर बांधकर हवा बाधक तैयार करें. इससे ठंडी हवाओं का सीधा प्रभाव पौधों पर नहीं पड़ेगा.
सर्दी में इन कीटों का प्रकोप भी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है. इसका उपाय है-
यह रोग सर्दी में तेजी से फैलता है और पत्तियों को सुखा सकता है. इसके नियंत्रण के लिए पौधों में पर्याप्त दूरी बनाए रखें. मेंकोजेब या मेंकोजेब + कार्बेन्डाजिम (2.5 ग्राम/लीटर) का स्प्रे करें.
रबी मक्का फसल को सर्दी से बचाने के लिए समय पर सिंचाई, संतुलित पोषण, कीट–रोग प्रबंधन और हवा से सुरक्षा जैसे उपाय बेहद महत्वपूर्ण हैं. इन 10 सुझावों को अपनाकर किसान न केवल अपनी फसल को ठंड से सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि बेहतर उपज और अच्छी क्वालिटी भी सुनिश्चित कर सकते हैं.
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