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Onion Farming: प्याज की खेती में न करें ये गलतियां, वैज्ञानिक ने बताए बंपर पैदावर के टिप्स और मुनाफा बढ़ाने का तरीका

Onion Farming: प्याज की खेती में न करें ये गलतियां, वैज्ञानिक ने बताए बंपर पैदावर के टिप्स और मुनाफा बढ़ाने का तरीका

प्याज की खेती करने वाले किसान कभी-कभी ऐसी गलतियां कर देते हैं जिसके चलते उन्हें उपज में भारी नुकसान उठाना पड़ता है. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एजे गुप्ता ने किसानों के लिए अच्छी पैदावार के लिए उपाय बताए.

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प्याज की खेती देश के महाराष्ट्र में सबसे बड़े पैमाने पर होती है. इन दिनों प्याज के उत्पादन में भारत चीन को पछाड़कर नंबर वन बन चुका है. किसानों के लिए प्याज की खेती कई गलतियां की वजह से कभी-कभी घाटे का सौदा भी बन जाती है. वहीं, कई बार विपरीत मौसम भी प्याज की खेती में नुकसान के लिए जिम्मेदार होता है. देश में प्याज की खेती रबी और खरीफ सीजन में प्रमुख रूप से की जाती है. प्याज के कुछ किस्म ही ऐसी होती हैं जिनका भंडारण किया जाता है. वहीं, भंडारण के दौरान किसान को कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है, नहीं तो प्याज खराब होने लगती है. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एजे गुप्ता ने बताया की प्याज की फसल किसानों को एक मुनाफा देने वाली अच्छी फसल है. अगर इसकी खेती सही ढंग से की जाए तो प्रति एकड़ 70 से 80 हजार रुपये का फायदा हो जाता है.

किसान कब करें प्याज की खेती 

प्याज की खेती रबी और खरीफ के सीजन में प्रमुख रूप से की जाती है. रबी के सीजन के लिए अक्टूबर-नवंबर में इसकी बुआई शुरू होती है और फिर दिसंबर से ही नई प्याज आना शुरू हो जाती है. वही इसके लिए अगस्त-सितंबर के महीने में ही प्याज की नर्सरी लगाने का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. प्याज बोने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करके उसे भुरभुरा बना ले, क्योंकि मिट्टी जितनी भुरभुरी होगी, प्याज उतनी ही अच्छी और मोटी बैठेगी. प्याज की नर्सरी लगाने से पहले बीज किसी अच्छी प्रजाति का ले. इसके लिए कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से परामर्श जरूर लें. वहीं प्याज एवं लहसुन अनुसंधान संस्थान से ऑनलाइन भी बीज मंगवाए जा सकता है. प्रति हेक्टेयर में करीब 10 किलो बीज की खपत होती है. 

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प्याज की खेती करने वाले किसान कभी-कभी कुछ गलतियां कर देते हैं जिसके चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.ए.जे गुप्ता ने किसान तक से बताया कि प्याज की कटाई करने से 15 दिन पहले ही सिचाई बंद कर देनी चाहिए.  किसान कई बार गलतियां करते हैं जिसके चलते प्याज में सड़न पैदा होने लगती है. उन्होंने बताया कि प्याज की जिन किस्म का भंडारण होता है उसके लिए किसानों को विशेष सावधानी रखनी होती है. ऐसे में जब प्याज की कटाई करें तो तीन दिन तक खेत में इस तरह से रखे जिससे कंद पत्तियों से ढक जाय. फिर घर पर भी प्याज को कम से कम 15 दिन छाया में सुखाना चाहिए. प्याज के कन्द से कुछ हिस्सा छोड़कर कटाई करनी चाहिए. इससे प्याज के अंदर फंगस नहीं जाएगा जिसके चलते प्याज बिना खराब हुए लंबे समय तक भंडारण के लिए तैयार होगी.

अच्छी पैदावार से ही मिलेगा मोटा मुनाफा

प्याज की खेती करने के लिए किसानों को अच्छे बीज का चयन करना काफी जरूरी होता है. प्याज की फसल 140-150 दिन के भीतर तैयार हो जाती है. वहीं अब कई ऐसी वैरायटी भी मौजूद है जो 120 दिन में भी तैयार हो जाती है. महाराष्ट्र में किसानों के द्वारा साल में तीन बार प्याज को उगाया जाता है. सामान्यतः एक हेक्टेयर में प्याज 250 से 300 क्विंटल तक पैदावार होती है. वही रबी की सीजन में अधिक पैदावार होती है जबकि खरीफ में 20 से फ़ीसदी तक पैदावार कम हो जाती है.