मेलाथियान दवा के बारे में आपने सुना होगा. यह वही दवा है जो बालों के जूं मारने के लिए काम आती है. बालों के जूं मारने वाली दवा में मेलाथियान का इस्तेमाल होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि यह दवा फसलों के लिए भी रामबाण साबित होती रही है. जहां तक इस दवाई की बात है तो मेलाथियान लोशन सिर की जूं के संक्रमण के इलाज के लिए अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) की ओर से बताई गई एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है. सिर की जूं के उपचार के लिए मेलाथियान सुरक्षित और प्रभावी दवा मानी जाती है. लेकिन इसका फायदा फसलों पर भी होता है. खासकर सरसों और ज्वार की खेती में. इन दोनों फसलों पर लगने वाले कीटों को यह दवा आसानी से मार देती है.
बात सबसे पहले सरसों की करें तो अभी इस पर कीटों के असर का समय चल रहा है. फूल के वक्त सरसों को कीटों से बहुत नुकसान होता है. ऐसे में किसानों को इससे बचाव का हरसंभव रास्ता तलाशना चाहिए. कीटों का नियंत्रण समय से कर लें तो किसान अच्छी पैदावार पा सकते हैं. सरसों में माहू कीट का सबसे अधिक असर होता है. इसके बारे में कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि माहू कीट सरसों के पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों और नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर और बर्बाद कर देते हैं.
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माहू कीट जब सरसों पर अटैक करते हैं तो वे मधु स्राव भी करते हैं जो कि तनों और पत्तियों पर चिपचिपा सा दिखता है. इस मधु के चलते सरसों पर कवक का प्रकोप होता है. इससे पत्तों की प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है. किसानों को जानना चाहिए कि इस कीट का प्रकोप दिसंबर-जनवरी से लेकर मार्च तक देखा जाता है. इसलिए किसानों को अभी सबसे ज्यादा सावधान रहना चाहिए. इससे बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिक सरसों पर मेलाथियान दवा के छिड़काव की सलाह देते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि 250 से 500 एमएम मेलाथियान 50ईसी को 250 से 500 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़कें तो सरसों पर से माहू कीटों का खात्मा होता है. दूसरा छिड़काव 07 से 10 दिनों के अंतराल पर कराने की सलाह दी जाती है.
इस दवा का प्रभाव ज्वार के भुट्टों पर भी अच्छा देखा जाता है. ज्वार पर मीज मक्खी का अटैक बहुत तेजी से होता है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि सामान्यतः तापमान जब गिरने लगता है तब मीज कीट दिखाई देता है. इस कीट की वयस्क मादा मक्खी नारंगी-लाल रंग की होती है जो फूलों के अंदर अंडे देती है. अंडो से 02 से 03 दिन में इल्लियां निकलकर फूलों के अंडकोपों को खाकर नष्ट करती हैं. इसका नतीजा होता है कि भुट्टों में कई जगह दाने नहीं बन पाते.
इस कीट के नियंत्रण की बात करें तो खेत में जब 90 प्रतिशत पौधों में भुट्टे पोटों से बाहर निकल आएं तब भुट्टों पर मेलाथियान 50 ईसी (1 लीटर प्रति हेक्टर) तरल कीट नाशक को 500-600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. जरूरत हो तो 10-15 दिनों बाद छिड़काव दोहरा दें. यदि तरल कीटनाशक उपलब्ध न हो तो मेलाथियान 5 प्रतिशत चूर्ण का भुरकाव 12 से 15 किलोग्राम प्रति हेक्टर की दर से करें. इससे ज्वार के भुट्टों के कीट खत्म हो जाएंगे.
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