डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा, समस्तीपुर, बिहार के पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी एवं नेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष, डॉ. एस. के. सिंह ने बिहार के कई आम बागानों का निरीक्षण करके आम के मंजर यानी बौर आने की प्रक्रिया पर अहम जानकारी साझा की है. डॉ. सिंह के अनुसार, इस साल आम के पेड़ों में मंजर आने का पैटर्न पिछले साल से अलग है. इसका मुख्य कारण तापमान में असमानता है. विशेष रूप से रात के तापमान में गिरावट. बिहार में सामान्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस कम रात का तापमान दर्ज किया जा रहा है.
ड़ॉ. एस. के सिंह ने कहा कि आम में अच्छे मंजर आने के लिए इस समय रात का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिए. वह अभी भी इससे कम या आसपास बना हुआ है. वहीं, दिन का तापमान सामान्य से 2 डिग्री अधिक होकर 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि आम के मंजर आने के लिए रात का तापमान 12-15 डिग्री सेल्सियस और दिन का तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस होना अनुकूल माना जाता है. लेकिन इस वर्ष तापमान में असंतुलन के कारण पुराने पेड़ों में मंजर बनने की प्रक्रिया बाधित हो रही है.
ये भी पढ़ें: Onion Price: मध्य प्रदेश की शुजालपुर मंडी में महज 200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है प्याज, जानिए बाकी मंडियों का हाल
ड़ॉ एस. के. सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 15 से 20 वर्ष से कम उम्र के आम के पेड़ों में मंजर अच्छी तरह विकसित हो चुके हैं. लेकिन 15-20 वर्ष से अधिक उम्र के पेड़ों में अभी भी मंजर ठीक से नहीं आए हैं. इससे आम उत्पादकों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि वे आशंकित हैं कि उनके आम के पेड़ पर मंजर ना आने से इस साल आम के फल नहीं लगेंगे. इससे इस साल आम की बागवानी से नुकसान हो सकता है.
डॉ. सिंह ने किसानों को जल्दबाजी में कोई निर्णय न लेने और धैर्य रखने की सलाह दी. उनके अनुसार, जैसे-जैसे रात का तापमान 12-15 डिग्री सेल्सियस के बीच स्थिर होगा, वैसे ही पुराने पेड़ों में भी मंजर विकसित होने लगेंगे. यह बदलाव आगामी कुछ सप्ताहों में देखने को मिल सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि तापमान पर नजर रखें और स्थानीय मौसम विभाग या डिजिटल मौसम पूर्वानुमान नजर बनाए रखें. उन्होंने कहा कि इस समय सिंचाई से बचें और जब तक मंजर में फल ठीक से न लग जाए, तब तक अधिक सिंचाई न करें.
उन्होंने कहा कि नाइट्रोजन यानी यूरिया का प्रयोग आम के बाग में अभी ना करें, क्योंकि इससे फूलों के विकास में बाधा आ सकती है. आम के बागवानों से कहा कि जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें और तापमान अनुकूल होते ही पुराने पेड़ों में भी मंजर आ जाएंगे, जिससे आम की फलत बेहतर हो सकती है.
ये भी पढ़ें: आम के बौर सुखा देता है ये खतरनाक कीट, बचाव के लिए ये उपाय करें किसान
विशेषज्ञ ने कहा कि आम उत्पादकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. तापमान में धीरे-धीरे सुधार होने के साथ ही आम के पुराने पेड़ों में भी मंजर विकसित होंगे. इसलिए, सही देखभाल और धैर्य के साथ किसानों को इंतजार करना चाहिए, ताकि फसल की गुणवत्ता बनी रहे और उत्पादन बेहतर हो सके.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today