मखाने के बारे में तो हम सब अच्छी तरह से जानते हैं. इसकी पहचान ड्राई फ्रूट्स के रूप में की जाती है. वहीं कई लोग इन्हें फॉक्स नट या लोटस सीड (Lotus Seed) के नाम से भी जानते हैं. भारत का अधिकांश मखाना उत्पादन बिहार और उत्तर प्रदेश में होता है. वहीं मखाना सीधे खेत से नहीं निकलता इसके पीछे पूरी प्रोसेसिंग होती है. मखाने की खेती बहुत कठिन नहीं है पर ज्यादातर किसान जानकारी के अभाव में इसकी खेती नहीं कर पाते हैं.
आपको बता दें कि मखाने की खेती के लिए मौजूदा समय काफी उपयुक्त माना जाता है. इसके लिए खेत में लगभग हर वक्त डेढ़ से दो फिट पानी की आवश्यकता रहती है. वहीं इसकी उपज साल में दो बार ली जा सकती है. अगर आपको भी मखाने से बंपर कमाई लेनी है तो उसे पॉलिश करना न भूलें, जानें क्या है इसका तरीका.
मखाने के फूल में बीज आते ही वो जैसे जैसे मैच्योर होता है, उसका फूल भारी होता जाता है और लटकते लटकते पानी में चला जाता है. फिर कुछ दिन बाद फूल फट जाता है और इसके बीज बिखर कर पानी के नीचे मिट्टी की सतह पर चले जाते हैं. तब किसान उसे जालीदार डोंगे की मदद से सतह से इकट्ठा करते हैं. उसके बाद बीज को साफ कर उसे धूप में सुखाते हैं.
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मखाने को सुखाने के बाद उसके साइज़ के अनुसार ग्रेडिंग की जाती है. इसके बाद बीजों से नमी दूर करने के लिए कास्ट आयरन (लोहा) की कड़ाही में 200-250 डिग्री तापमान पर 5-6 मिनट के लिए रोस्ट किया जाता है. ऐसा करने से बीज का कवर अलग करने में आसानी होती है. अगले चरण में उन बीजों को अलग-अलग तापमान पर रोस्ट किया जाता है. रोस्टिंग के बाद बीजों को तोड़ा जाता है. बीजों को तोड़ने पर इसमें से पॉपकॉर्न जैसा मखाना निकलता है.
अगर आपको मखाने की उपज से अधिक लाभ कमाना है तो इसे पॉलिश जरूर करें. दरअसल मखाने को पॉलिश करने के लिए उसके बीज के दोनों तह पर बने लाल रंग के झिल्लीदार पेरिकार्प को निकालने के बाद मखाने को पॉलिश करने की जरूरत होती है. वहीं इसे पॉलिश करने का तरीका है ये है कि उसे रगड़कर पॉलिश किया जाता है. इस प्रक्रिया को पूरा करने से अधिक सफेद और चमकदार हो जाता है. इससे मखाने को अच्छा दाम मिलता है.
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