Maize: मक्का बुवाई के लिए सबसे सही और सटीक तारीख क्या है? बीज की मात्रा भी जान लें

Maize: मक्का बुवाई के लिए सबसे सही और सटीक तारीख क्या है? बीज की मात्रा भी जान लें

Maize crop: मक्का की बुवाई 15 जून से 15 जुलाई के बीच सबसे अच्छी मानी जाती है. इस दौरान किसान अगर मक्के की खेती करें तो उन्हें अच्छी उपज मिलेगी. उपज अच्छी होगी तो कमाई भी बेहतर होगी.

Advertisement
Maize: मक्का बुवाई के लिए सबसे सही और सटीक तारीख क्या है? बीज की मात्रा भी जान लेंMaize crop: मक्के की खेती

मक्का बुवाई का समय शुरू होने वाला है. खरीफ में इसकी बुवाई तेज हो जाएगी. अक्सर किसानों के मन में सवाल होता है कि मक्का बुवाई का सबसे सही और सटीक समय क्या है. अगर इस तारीख का ध्यान रखें तो उपज घट सकती है. इसे लेकर आईसीएआर ने एक्सपर्ट जानकारी दी है. आईसीएआर के मुताबिक, सामान्य परिस्थितियों में, वर्षा आधारित फसल की बुआई 15 जून से 15 जुलाई के बीच करनी चाहिए. खरीफ मौसम में, वर्षा आधारित परिस्थितियों में, मक्का की बुआई पर्याप्त वर्षा (50 मिमी से अधिक) के बाद ही करनी चाहिए. 

मक्का के सामान्य संकर के लिए बीज दर 17.5-20 किलोग्राम/हेक्टेयर, स्वीटकॉर्न के लिए 7.5-10 किलोग्राम/हेक्टेयर, पॉपकॉर्न के लिए 12.5 किलोग्राम/हेक्टेयर और बेबी कॉर्न के लिए 25 किलोग्राम/हेक्टेयर है. फसल की बुआई के दो से तीन दिन के भीतर, हल्की मिट्टी में 2 किलोग्राम/हेक्टेयर और भारी मिट्टी में 3 किलोग्राम/हेक्टेयर एट्राजीन हर्बिसाइड को 500 लीटर पानी में मिलाकर पर्याप्त नमी होने पर लगभग 30 दिनों तक छिड़काव करें, जिससे चौड़ी पत्ती वाले और कुछ घास वाले खरपतवारों पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है. 

ये भी पढ़ें: Green Fodder: ये चार हरे चारे कराएंगे मुनाफा, पशुओं को खि‍लाएं और बेचें भी, पढ़ें डिटेल 

सामान्य और जीरो टिलेज मक्का फसल में चौड़ी पत्ती वाले और घास वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए 15-18 DAS या 4 पत्ती वाले खरपतवार अवस्था पर टेम्बोट्रिऑन 34.4% SC @ 287.5 मिली/हेक्टेयर + एट्राजीन 50% WP @ 1000 ग्राम/हेक्टेयर या टोप्रामेजोन 33.6% SC 75 मिली + एट्राजीन 50% WP @ 1000 ग्राम/हेक्टेयर का छिड़काव करना चाहिए. यदि साइपरस प्रजाति की समस्या अधिक है, तो हैलोसल्फ्यूरॉन मिथाइल @ 100 ग्राम/हेक्टेयर को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. 

फ़ॉल आर्मी वर्म के प्रकोप से ऐसे बचें

मक्का की फसल को फॉल आर्मी वर्म से बचाना जरूरी होता है. इसके लिए कुछ जरूरी सुझाव इस प्रकार हैं. गर्मियों में जुताई, अंडों को इकट्ठा करना और नष्ट करना, फ़ेरोमोन ट्रैप (एस. फ्रूजीपरडा) @4/एकड़ की दर से अनाज सोरघम के साथ सीमा फ़सल की बुवाई और लोबिया (कुछ पंक्तियों) के साथ अंतर फ़सल, एज़ाडिरेक्टिन 10000 पीपीएम @2 मिली/ली (10 से 15 दिन) का छिड़काव, ईपीएन या बीटी स्प्रे @2 मिली/1 (15 से 21 दिन) को अपनाना चाहिए. 

फसल पर इन दवाओं का छिड़काव

मक्का फसल में पहला कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजोएट 5SG @0.4 ग्राम/ली (या) स्पिनोसैड 480SC @0.5 मिली/1 (21-28 दिन) पर इस्तेमाल करें. मेटारिज़ियम एनीसोप्लाई स्प्रे (1x107) @2 मिली/1 (30-35 दिन), दूसरा कीटनाशक छिड़काव - फ्लूबेंडियामाइड 480SC @ 0.3 मिली/ली (या) क्लोरोट्रिलिनिप्रोएल 18.5SC @ 0.3 मिली/ली या स्पिनेटोरम 11.7 SC @ 0.3 मिली/1 (36-42 DAS) के साथ करें. फॉल आर्मी से बचाव के लिए अन्य दवा जैसे थायोडिकार्ब 75WP (250 ग्राम थायोडिकार्ब + 25 किग्रा चावल की भूसी + 5 किग्रा गुड़/हेक्टेयर) का उपयोग कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान, लीची, मक्का और चावल के किसानों को मिलेगी राहत

खरीफ में मक्का की बुवाई किसानों के लिए फायदे का सौदा है. खासकर तब जब इथेनॉल और पोल्ट्री फीड में इसकी मांग अधिक देखी जा रही है. लेकिन मक्के से कमाई तभी बढ़ पाएगी जब इसका उत्पादन भी अधिक होगा. इस उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को ऊपर बताए गए सुझावों पर गौर करना चाहिए.

 

POST A COMMENT