भिंडी की उपज सालों भर लेनी है तो ये उपाय करें किसान, खाद और उर्वरक की भी जान लें मात्रा

भिंडी की उपज सालों भर लेनी है तो ये उपाय करें किसान, खाद और उर्वरक की भी जान लें मात्रा

भिंडी की खेती के लिए खेत की तैयारी अच्छे तरीके से करनी चाहिए. इसकी खेती के लिए गर्म और नम वातावरण सही माना गया है. इसके बीज के अंकुरण के लिए 27-30 डिग्री सेल्सियस का तापमान उचित माना गया है. 17 डिग्री से कम तापमान में भिंडी के बीज अंकुरित नहीं होते हैं.

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भिंडी की उपज सालों भर लेनी है तो ये उपाय करें किसान, खाद और उर्वरक की भी जान लें मात्राभिंडी की खेती (सांकेतिक तस्वीर)

भिंडी एक ऐसी सब्जी है जिसकी बाजार में हमेशा अच्छी मांग बनी रहती है और लोग इसे खाना भी पसंद करते हैं. इसे लेडी फिंगर या ओकरा के नाम से भी जाना जाता है. अगर किसान भिंडी की खेती करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो इसकी अगेती फसल लगा सकते हैं. भिंडी एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती देश के लगभग सभी राज्यों में की जाती है और देश के बाजारों में यह हमेशा उपलब्ध रहता है. इसके पौष्टिक गुणों के कारण अधिकांश घरों में लोग इसे खाना खूब पसंद करते हैं. इसमें विटामिन ए और सी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है. भिंडी के फल में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है. 

भिंडी की खेती के लिए खेत की तैयारी अच्छे तरीके से करनी चाहिए. इसकी खेती के लिए गर्म और नम वातावरण सही माना गया है. इसके बीज के अंकुरण के लिए 27-30 डिग्री सेल्सियस का तापमान उचित माना गया है. 17 डिग्री से कम तापमान में भिंडी के बीज अंकुरित नहीं होते हैं. हालांकि यह फसल गर्मी और रबी दोनों में ही लगाई जाती है और रबी सीजन में कई इलाकों में किसान इसकी खेती करते हैं. भिंडी की खेती में जलन निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी. इसके खेत में जल भराव होने पर फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. इसकी खेती में मिट्टी के पीएच का मान 7.0 के मान से लेकर 7.8 तक होना चाहिए. भूमि की जुताई दो तीन बार करके उसमें पाटा चलाकर उसे समतल किया जाना चाहिए.  

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इस किस्मों की करें बुवाई

फसल की अच्छी पैदावार के लिए किसान इसकी अच्छी किस्मों को इस्तेमाल कर सकते हैं. पूसा ए-4,परभनी क्रांति, पंजाब-7, अर्का अभय,अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, हिसार उन्नत, वी आर ओर -6 भिंडी की उन्नत किस्में हैं. गर्मी से मौसम में भिंडी  खेती के लिए फरवरी मार्च में बुवाई की जाती है. जबकि बारिश के मौसम में भिंडी की खेती करने के लिए इसकी बुवाई जून जुलाई मौसम में की जाती है.  इसके अलावा अगर किसान लगातार खेत से भिंडी की फसल लेना चाहते हैं तो तीन सप्ताह के बाद फरवरी से 15 जुलाई तक अलग-अलग खेतों में भिंडी की बुवाई कर सकते हैं. 

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निर्धारित मात्रा में करें खाद का इस्तेमाल

भिंडी की फसल में अच्छा उत्पादन लेने के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 15-20 गोबर की खाद खेत में डालना चाहिए. इसके साथ ही लगभग 80 किलोग्राम यूरिया, 60 किलोग्राम फॉस्फोरस और 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालना चाहिए. खेत में नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई से पहले डालनी चाहिए और बाकी की मात्रा बुवाई के 30-40 दिनों के बाद डालना चाहिए. जबकि फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई से पहले की खेत में डाल देनी चाहिए. खेत में खरपतवार हमेशा साफ रखना चाहिए. बुवाई के 15-20 दिन बाद पहली बार निराई गुड़ाई करनी चाहिए. 

 

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