क्यों अमरूद के छोटे फल गिरने लगते हैं? ये है वजह, बचाव के लिए दवा का नाम भी जान लें

क्यों अमरूद के छोटे फल गिरने लगते हैं? ये है वजह, बचाव के लिए दवा का नाम भी जान लें

अमरूद के पेड़ से फलों का गिरना एक गंभीर समस्या है. यह अलग-अलग कारणों की वजह से होता है. इतना ही नहीं इस वजह से लगभग 45-65% नुकसान होता है. अमरूद के फलों का गिरना कम करने के लिए जीए का छिड़काव प्रभावी है. साथ ही कम मिट्टी की उर्वरता और कम पीएच वाले स्थानों पर भी अमरूद के पेड़ों से फल गिरने लगते हैं.

Advertisement
क्यों अमरूद के छोटे फल गिरने लगते हैं? ये है वजह, बचाव के लिए दवा का नाम भी जान लेंFalling of fruits from guava tree is a serious problem

सर्दियों के मौसम में अमरूद का फल हर किसी का पसंदीदा बन जाता है. हर कोई धूप में बैठकर इसके स्वाद का आनंद लेना चाहता है. अमरूद एक ऐसा फल है जिसे ठंड के मौसम में लोग बड़े चाव से खाते हैं. यह मीठा और स्वादिष्ट दोनों होता है और कई स्वास्थ्य लाभ भी देता है. जिसके कारण सर्दियों में इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. ऐसे में अमरूद की खेती करने वाले किसानों के लिए यह फायदे का समय है. लेकिन ये उससे भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण है. अक्सर अमरूद के छोटे-छोटे फल गिरने लगते हैं. जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं इससे बचाव का तरीका और दावा का नाम.

इस तरह करें बीमारी की पहचान

अमरूद के पेड़ से फलों का गिरना एक गंभीर समस्या है. यह अलग-अलग कारणों की वजह से होता है. इतना ही नहीं इस वजह से लगभग 45-65% नुकसान होता है. अमरूद के फलों का गिरना कम करने के लिए जीए का छिड़काव प्रभावी है. साथ ही कम मिट्टी की उर्वरता और कम पीएच वाले स्थानों पर भी अमरूद के पेड़ों से फल गिरने लगते हैं. इस बात का पता किसान प्रभावित पौधों की पत्तियों पर बैंगनी से लाल धब्बे बिखरे हुए दिखाई देते हैं. गंभीर परिस्थितियों में, पत्तियां पूरी तरह से गिर जाती हैं और फलों के छिलके भी भूरे रंग के दिखाई देने लगते हैं. साथ ही उपज भी कम हो जाती है.

ये भी पढ़ें: Crop Protection: दिसंबर-जनवरी में पाले से रहें सावधान, जरा सी चूक फसलों को पहुंचा सकती है भारी नुकसान

बचाव के लिए करें ये छिड़काव

इससे बचाव के लिए दो महीने के लिए साप्ताहिक अंतराल पर 0.5% डायमोनियम फॉस्फेट और जिंक सल्फेट के संयोजन से पत्तियों पर लगाने से अमरूद के पेड़ों से फल गिरने की समस्या कम हो जाती है. वहीं दूसरी तरफ फूल आने से पहले 0.4% बोरिक एसिड और 0.3% जिंक सल्फेट का छिड़काव करने से उपज और फल का आकार बढ़ जाता है. कॉपर सल्फेट 0.2 से 0.4% का छिड़काव करने से भी अमरूद की वृद्धि और उपज में वृद्धि होती है.

क्या हैं अमरूद के फायदे?

  • अमरूद में पाया जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत बनाने और आराम पहुंचाने में मदद करता है. इसे खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप डिप्रेशन से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.
  • अमरूद वजन कम करने में भी बहुत कारगर है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो वजन बढ़ने नहीं देता है. वहीं, अमरूद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
  • इससे आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है. इसे गर्भावस्था के दौरान भी खाया जा सकता है.
  • अमरूद में पाया जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत रखने में मदद करता है और दर्द से राहत दिलाता है. इसे खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप डिप्रेशन से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.
  • अमरूद खाने से आपकी आंखों की सेहत भी अच्छी रहती है. यह फल विटामिन ए, सी और फोलेट से भरपूर होता है. इसके अलावा इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. जिन लोगों को कम उम्र में आंखों की समस्या होती है उन्हें इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए.
POST A COMMENT