कई तरह के पोषक तत्वों के साथ ही कैल्शियम भी पौधों के लिए एक असाधारण पोषक तत्व है. यह एक ऐसा न्यूट्रीयंट है फसल के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. यह पोषक तत्व पौधों के टिश्यूज से लेकर कई अहम हिस्सों के निर्माण के लिए जरूरी है. सभी पौधों को इसकी बड़ी मात्रा में जरूरत होती है. साथ ही साथ यह मिट्टी के टेक्सचर को भी सुधारता है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे कैल्शियम टैबलेट्स आपके पौधों के विकास में एक बड़ा रोल अदा करती हैं.
यूके के कुछ वैज्ञानिकों ने कुछ साल पहले टमाटर उगाने में कैल्शियम के प्रयोग पर रिसर्च की थी. उन्होंने पाया कि यह टमाटर के पौधों में इम्यूनिटी को डेवलप करता है. साथ ही साथ जब फल पक रहा होता है तो उस समय इसे कड़ा होने से बचाता है. रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि जब आपके टमाटर के पौधों में कैल्शियम की पर्याप्त आपूर्ति होती है तो टमाटर बिना रेफ्रिजरेशन के हफ्तों तक सुरक्षित रह सकते हैं.
स्वस्थ मिट्टी के लिए कैल्शियम बहुत ही जरूरी है. मिट्टी को कैल्शियम की सही मात्रा की जरूरत होती है ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके. यह मिट्टी बेहतर माइक्रोबियल जीवन को सुरक्षित करती है. मिट्टी में वेंटीलेशन बेहतर होता है और उसमें पानी सोखने की क्षमता विकसित होती है. कैल्शियम पोषक तत्वों के अवशोषण और मिट्टी के पीएच को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है. अगर आपकी मिट्टी सही पीएच रेंज में नहीं है तो यह पौधे के लिए कुछ पोषक तत्वों को ऑब्जर्व करने में मुश्किलें पैदा करती है.
अंडे के छिलके
अंडे के छिलके कैल्शियम का एक बेहतरीन स्त्रोत है. अंडे के छिलकों में कैल्शियम कार्बोनेट होता है. मिट्टी में मिलाने से पहले अंडे के छिलके के पाउडर में बदल दें या मिट्टी में मिलाने से पहले खाद बना लें.
चाक
चाक भी मुख्य तौर पर कैल्शियम से ही बनी होती है. अपने गमले में लगे पौधों में कैल्शियम के लिए रोपाई के बाद कंटेनर की मिट्टी में थोड़ी मात्रा में चाक की कुछ स्टिक्स डाल सकते हैं.
कैल्शियम टैबलेट्स
अगर आपके पास कैल्शियम की कुछ गोलियां पड़ी हैं जो एक्सपायर हो चुकी हैं तो उन्हें फेंकने के बजाय आप उनका प्रयोग पौधों के लिए कर सकते हैं. कैल्शियम की गोलियों को मिट्टी में डालने से पहले उन्हें हथौड़े या बेलन से कुचलकर मिट्टी या खाद के ढेर में मिला दें.
जिप्सम
जिप्सम का प्रयोग कैल्शियम और सल्फर के सोर्स के तौर पर किया जा सकता है. हालांकि, जिप्सम चूने की तुलना में ज्यादा घुलनशील है और मिट्टी में कैल्शियम को अधिक तेजी से मिला सकता है. लेकिन इससे मिट्टी में पोटेशियम या मैग्नीशियम का स्तर कम हो सकता है. इसलिए इसका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए.
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