अभी सोयाबीन के दिन खराब चल रहे हैं. बाजार और सरकारी मंडियों में इसके भाव अच्छे नही मिल रहे. महाराष्ट्र में तो हालत और भी खराब है क्योंकि यहां एमएसपी की दर भी नहीं मिल पा रही है. किसान इसके लिए सरकारी सिस्टम को दोष दे रहे हैं. हालांकि सरकार ने ऐलान किया है कि सोयाबीन किसानों को 6,000 रुपये की दर से एमएसपी दी जाएगी. किसान अभी उस दिन के इंतजार में हैं. ऐसे में किसानों के लिए एक सलाह है. वे जल्दी में अपनी उपज को न बेचें बल्कि सही ढंग से स्टोर कर दें. इससे बाद में अच्छे दाम मिलने की संभावना बनी रहेगी.
स्टोर करने में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है. सोयाबीन बेहद कच्ची उपज है. इसमें नमी की मात्रा अधिक हो या इसके दाने अधिक सूख जाएं तो दोनों स्थितियों में खतरा है. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि सोयाबीन को कैसे सही ढंग से स्टोर करना है.
अगर सोयाबीन की कटाई के समय उसमें नमी की मात्रा 13 परसेंट से अधिक है, तो सबसे पहले उस नमी को कम करने का उपाय करें. नमी कम करने के लिए उसे सुखा सकते हैं. धूप में सुखा सकते हैं या पंखे की हवा देकर भी इसकी नमी कम कर सकते हैं. ध्यान रखें कि नमी कम किए बिना उसे स्टोर नहीं करना है, वर्ना पूरी उपज सड़ जाएगी. इससे आपको भारी नुकसान होगा.
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सोयाबीन को सूखी और हल्की ठंडी जगह में रखना चाहिए. सूखी जगह होने से उपज में फफूंद जैसी बीमारी नहीं लगेगी. हल्की ठंड रहने से सोयाबीन के दाने के भीतर गर्मी नहीं बढ़ेगी. इससे दाने खराब होने से बच जाएंगे. तापमान पर नजर रखें. अगर यह बढ़ता है या हवा में नमी बढ़ती है तो उपज को बाहर निकाल लें. फिर उपज को ड्रायर या कूलर की मदद से सुखा लें.
स्टोर करने से पहले या बाद में सोयाबीन पर लगने वाले कीट-पतंगों पर नजर रखें. ये उपज को सबसे अधिक हानि पहुंचाते हैं. अगर किसी तरह का कीट उपज में दिखाई दे तो उसे कतई स्टोर न करें क्योंकि कीटों का हल्का अटैक भी पूरी उपज को बर्बाद कर सकता है. स्टोर में रखा सारा दाना खराब हो सकता है. दानों की ठीक से मॉनिटरिंग भी कर लें ताकि बीमारी समय पर पकड़ी और सही की जा सके.
सोयाबीन के हैंडलिंग में बहुत सावधानी की जरूरत होती है. इसमें उपज को स्टोर करने से पहले कई बातों पर ध्यान रखना होता है. सबसे पहले तो जूट के बारे में या किसी हवादार पात्र में ही उपज को रखना चाहिए. अगर बोरे में रख रहे हैं तो उसे स्टोर में रखने के लिए ऐसी मशीन का उपयोग करें जो बोरे को बहुत हल्के या आराम से फर्श पर रखे. बोरे को झटके में पटकना नहीं है क्योंकि इससे दाने टूटते हैं और चोटिल होते हैं. इससे दाने के खराब होने की आशंका बढ़ जाती है.
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अगर भंडारण से पहले सोयाबीन को ग्रेन ड्रायर से सुखा रहे हैं तो सावधानी बरतनी होगी. उपज को अधिक नहीं सुखाना है क्योंकि इससे दाने चटक सकते हैं. अधिक सुखाने से दाने सिकुड़ भी सकते हैं. अगर कुदरती हवा से सोयाबीन को सुखाना चाहते हैं तो ऐसे फर्श का इस्तेमाल करें जो छिद्रदार हो. जिससे हवा आसानी से पास होती रहे. यह हवा सोयाबीन को सुखाने के अलावा स्वस्थ और ताजा बनाए रखेगी.
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