देश के भीतर खाना बनाने के लिए सबसे ज्यादा लोग सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं. यहां तक की शरीर की त्वचा पर लगाने के लिए भी आज भी ग्रामीण लोग शुद्ध सरसों का तेल ही उपयोग करते हैं.बाजार में विगत 2 सालों से सरसों के तेल की कीमतें काफी ज्यादा है. ऐसे में मिलावटखोर सरसों के तेल में मिलावट खूब करने लगे हैं, जिससे हमारी सेहत को नुकसान होने का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे में आज किसान तक कुछ ऐसे आसान तरीकों को बताने जा रहा है, जिसके जरिए आप घर बैठे सरसों की तेल (Mustard oil purity test ) में मिलावट की पहचान कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में खाद्य एवं औषधि विभाग के उपायुक्त डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने किसान तक को बताया की किस तरीके से हम शुद्ध सरसों के तेल की पहचान मिनटों में कर सकते हैं. . .
तेल की गंध से करें पहचान
शुद्ध सरसों के तेल की अपनी एक विशिष्ट गंध होती है, जिसको HCN (हाइड्रो साइनिंग एसिड) कहते हैं. यह हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं होता है. अगर मिलावटी तेल होगा उसकी गंध को आप ज्यादा देर तक नहीं ले पाएंगे. इससे सर भी चकराने लगता हैं.
सरसों के तेल के रंग से करें पहचान
शुद्ध सरसों के तेल को उसके रंग से भी पहचाना जा सकता है. शुद्ध सरसों के तेल की चमक काफी ज्यादा होती है, इसका रंग डार्क होता है, जबकि मिलावटी सरसों के तेल में पीलापन होता है.
हाइड्रोक्लोरिक एसिड से करें टेस्ट
इसके लिए एक टेस्ट ट्यूब में पांच मिली सरसों का तेल डालें और इसमें 5ml हाइड्रोक्लोरिक एसिड को मिला लें. हाइड्रोक्लोरिक एसिड घर के टॉयलेट क्लीनर में भी होता है. जैसे ही इसको मिलाते हुए हिलाते हैं तो हाइड्रोक्लोरिक एसिड नीचे साफ दिखता है और इसमें किसी भी तरह का कलर चेंज नहीं होता है तो यह शुद्ध सरसों का तेल है, जबकि अगर मिलावटी तेल होगा तो इससे हाइड्रोक्लोरिक एसिड के रंग में परिवर्तन दिखाई देगा.
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तेल को हथेली पर रगड़ कर करें पहचान
सरसों की तेल की शुद्धता की पहचान करने के लिए इसको हथेली पर रगड़ कर भी करते हैं. आज भी ग्रामीण इलाकों में किसानों के द्वारा बाजार से तेल खरीदते समय मिलावट की पहचान के लिए इसको हथेलियों पर तेजी से रगड़ा जाता है. हथेली पर मिलावटी तेल को रगड़ने से गलत स्मेल आएगी और इसका कलर भी बदल जाएगा. जबकि असली सरसों के तेल गंध और इसका रंग भी नहीं बदलेगा.
फ्रिज के माध्यम से भी करें पहचान
शुद्ध सरसों की तेल पहचान करने के लिए फ्रिज का उपयोग भी किया जा सकता है. सरसों के तेल को एक कांच के गिलास में कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें. अगर तेल शुद्ध होगा तो उसमें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं नजर आएगा. जब कि अगर मिलावटी सरसों का तेल होगा तो तेल की सतह पर सफेद रंग के पार्टिकल दिखने लगेंगे. इससे तेल में मिलावट की पहचान का पता चल जाएगा.
मिलावटी खाद्य पदार्थ ही नहीं बल्कि मिलावटी खाद्य तेल के उपयोग के कई दुष्प्रभाव भी है. मिलावटी सरसों के तेल के उपयोग से हमारी सेहत पर गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं. सबसे पहले जी मिचलाना और पेट खराब होना जैसी समस्या होती हैं. पेट में सूजन यहां तक कि दिल और सांस की बीमारी तथा एनीमिया का खतरा भी बढ़ जाता है.
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