हरी सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं. मार्केट में कई हरी सब्जियां देखने को मिलती हैं. लेकिन सेम एक ऐसी सब्जी है, जो काफी स्वादिष्ट होती है. इसके साथ ही ये सेहत के लिए फायदेमंद भी होती है. लेकिन मार्केट में मिलने वाला ज्यादातर सेम केमिकल युक्त होता है. अगर आप केमिकल वाला सेम नहीं खाना चाहते हैं तो इसे आसानी से घर की बालकनी या छत पर उगा सकते हैं और उसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
घर की बालकनी, छत या गार्डन में सेम का पौधा उगाने के लिए कई चीजों की जरूरत पड़ती है. चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं.
सेम का पौधा उगाने के लिए कम से कम 12-15 इंच का गहरा और चौड़ा गमला होना चाहिए. सेम की जड़ें लंबी होती हैं, इसलिए गहराई भी पर्याप्त होनी चाहिए. अगर झाड़ीदार किस्म उगा रहे हैं तो 12 इंच का गमला पर्याप्त है. अगर क्लाइंबर किस्म उगा रहे हैं तो गमला थोड़ा बड़ा होना चाहिए. गमले में नीचे एक छेद भी होना चाहिए, ताकि पानी जमा ना हो.
सेम का पौधा उगाने के लिए अच्छी मिट्टी का होना जरूरी है. इसके लिए 50 फीसदी मिट्टी, 30 फीसदी गोबर की खाद या कम्पोस्ट और 20 फीसदी रेत होना चाहिए. सबको मिक्स करके अच्छी मिट्टी तैयार करें और उसमें बीज लगाएं.
गमले में सेम का पौधा अच्छी तरह से लगाने के लिए जरूरी है कि इसको पर्याप्त धूप मिले. गमले को ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां 5-6 घंटे सीधी धूप मिलती हो. सेम के पौधे के लिए तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए.
अगर आप चढ़ने वाली सेम उगा रहे हैं तो अंकुर निकलने के 10 से 12 दिन के बाद बांस की छड़ी लगा दें, ताकि पौधा उसपर चढ़ सके. 5 से 10 दिन के भीतर बीज अंकुरित होने लगते हैं. हर 15 से 20 दिन में जैविक खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालना चाहिए. सेम का पौधा तैयार होने में 45 से 60 दिन का वक्त लगता है. इस दौरान पौधा सेम की फली देने लगता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today