मूंग दाल, जिसे हरा चना भी कहा जाता है, भारत में एक प्रमुख दाल है, जो कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अपने पोषण वैल्यू के लिए जाना जाने वाला मूंग आवश्यक प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसलिए यह किसानों के लिए एक लोकप्रिय और लाभदायक फसल मानी जाती है. पूरे भारत में खरीफ, रबी और गर्मी जैसे मौसमों में उगाई जाने वाली मूंग दाल किसानों को अतिरिक्त लाभ भी देती है. गेहूं-धान फसल चक्र वाले राज्यों में मूंग दाल की खेती मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करती है. भारत में मूंग दाल उत्पादन में योगदान देने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और बिहार शामिल हैं.
मूंग की फसल के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है और यह सूखा भी सहन कर सकती है, जिससे यह ग्रीष्मकालीन फसल बन जाती है. विकास के लिए सर्वोत्तम तापमान सीमा 27 से 30 डिग्री है. इसकी खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन यह अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी पर सबसे अच्छी तरह उगती है. जल जमाव वाली मिट्टी या लवणीय मिट्टी का उपयोग करने से बचें क्योंकि यह मूंग उगाने के लिए अनुपयुक्त है. इसकी खेती में पानी यानी सिंचाई का मैनेजमेंट बहुत जरूरी है.
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मूंग की खेती खरीफ फसल के रूप में की जाती है, जिसमें जरूरत के अनुसार सिंचाई की व्यवस्था की जाती है. ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के मामले में, मिट्टी की संरचना और जलवायु परिस्थितियों के आधार पर तीन से पांच सिंचाई की जरूरत होती है. मूंग की सर्वोत्तम उपज प्राप्त करने के लिए बुवाई के 55 दिन बाद सिंचाई बंद कर दें. मूंग की फसल के बीज के लिए पानी की आवश्यकता 300 मिमी से 400 मिमी है. जलभराव की स्थिति से बचें, विशेषकर फूल आने और फली भरने की अवस्था के दौरान. क्योंकि इससे उपज 75 फीसदी या उससे अधिक तक कम हो सकती है.
मूंग की खेती के लिए भूमि की तैयारी बहुत महत्वपूर्ण है. भूमि की दो से तीन बार जुताई करें. उसके बाद ढेलों को कुचलने और खरपतवारों को नष्ट करने के लिए हल्की जुताई करें. मूंग दाल के बीज बोने की विधि में मौसम और विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के रोपण शामिल होते हैं.
रबी की बुआई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 7 सेमी और पंक्ति की दूरी 22.5 सेमी आवश्यक होती है. ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से अप्रैल तक है. खरीफ की बुआई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी और पंक्ति की दूरी 30 सेमी रखने की सलाह दी जाती है. खरीफ मूंग की बुआई का सबसे अच्छा समय जुलाई का प्रथम पखवाड़ा है.
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