अक्सर हम ऑनलाइन या सब्जी मंडी से फल या सब्जी लाने के बाद इस बारे में कभी नहीं सोचते कि जिस फल या सब्जी को हम खाने वाले हैं, उसे काटे हुए कितना समय हो गया है. इसका सवाल कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक हो सकता है. जबकि हमेशा से ऐसा नहीं था. फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है. साथ ही इनके सड़ने, गर्मी और फफूंद लगने का खतरा भी बरकरार रहता है. फिर ऐसा क्या है जो यह फल और सब्जियां आजकल फ्रेश से ही नजर आते हैं.
चावल और दाल, प्याज और आलू जैसे सूखे खाद्य पदार्थ प्रकृति की तरफ से बनाए गए ऑटोमैटिक कोल्ड स्टोरेज के तौर पर हैं जिन्हें लंबे समय के लिए रखा जा सकता है. ये खाद्य पदार्थ निष्क्रिय रहने के ही लिए बने हैं. वहीं फलों और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए रेफ्रिजरेशन एक अच्छा विकल्प होता है. ठंड ब्रीदिंग रेट को कम कर देती है या वह रेट जिस पर प्रॉडक्ट ऑक्सीजन के साथ संपर्क करता है, कम हो जाती है. इससे फल और सब्जियां सड़ने से बच जाते हैं. कम ऑक्सीजन सप्लाई से भी फलों को जल्दी सड़ने से बचाया जा सकता है.
इसके अलावा फलों और सब्जियों को स्टोर करने की 3 खास टेक्निक्स हैं जो इन दिनों काफी चलन में हैं:
नियंत्रित वातावरण (सीए) भंडारण
इस तकनीक में ऐसे वातावरण या एटमॉसफेयर में उपज को स्टोर किया जाता है जहां पर ऑक्सीजन का स्तर सामान्य स्तर 21 प्रतिशत से 1 से 3 प्रतिशत तक कम हो जाता है. साथ ही यह नाइट्रोजन या कार्बन डाइऑक्साइड से बदल दिया जाता है. तापमान और नमी को भी सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया जाता है. यह उपज के लिए 'सस्पेंडेड एनीमेशन' की स्थिति बनाता है. इससे सेब को एक साल तक और एवोकाडो को नौ हफ्ते तक स्टोर करके रखा जा सकता है.
संशोधित वातावरण पैकेजिंग (MAP)
सलाद, साग और पहले से कटी हुई सब्जियों के लिए आमतौर पर MAP तकनीक का प्रयोग होता है. इसके तहत एक खास गैस मिश्रण से भरे पैकेजिंग में उपज को सील किया जाता है. इससे ब्रीदिंग रेट धीमा हो जाता है. एक बार पैकेज खुलने के बाद, सामान्य हवा के संपर्क में आने से प्रॉडक्ट तेजी से खराब हो सकता है. इसी वजह से ऐसी चीजें खुलने के बाद जल्दी मुरझा जाती हैं.
सुरक्षात्मक पैकेजिंग
बेरी और सलाद साग जैसी नाजुक वस्तुओं को अक्सर क्लैमशेल कंटेनर में बेचा जाता है. इसी तरह, ट्रांसपोर्टेशन के दौरान चोट लगने के खतरे को कम करने के लिए पपीते और आम जैसे फलों के चारों ओर फोम नेटिंग का उपयोग किया जाता है.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today