महाराष्ट्र में अभी से लू जैसे हालात! मौसमी चेतावनी के बीच फसलों का ऐसे ध्यान रखें किसान
मौसम विभाग ने कहा है कि तापमान बढ़ने से आम में फूलों के गुच्छे का सूखना, समय से पहले फल का गिरना और धूप से झुलसना देखा जा सकता है. साथ ही, पहले से काटे गए आमों में स्पंजी टिश्यू का बनना देखा जा सकता है. आम और चीकू में फलों की क्वालिटी में गिरावट देखी जा सकती है. पके लोबिया, मूंग, लबलाब बीन, चना और दालों में फलियों का फटना देखा जा सकता है. बागों और सब्जियों में पानी की कमी देखी जा सकती है.
इस बार प्रचंड गर्मी की आशंका है. फरवरी महीना ही गर्मी का तेवर दिखा रहा है, तो समझ सकते हैं कि मई-जून आते-आते क्या हालात होंगे. महाराष्ट्र में भी ऐसे ही स्थिति बनती दिख रही है. मौसम विभाग ने कुछ जिलों में हीट वेव यानी लू की चेतावनी दी है. इन जिलों में रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे और पालघर जिले शामिले हैं. कोंकण के इलाके इसमें बुरी तरह प्रभावित होते दिख रहे हैं. ऐसे में मौसम विभाग ने किसानों को सतर्क करते हुए उनकी फसलों को बचाने का सुझाव दिया है.
मौसम विभाग ने कहा है कि तापमान बढ़ने से आम में फूलों के गुच्छे का सूखना, समय से पहले फल का गिरना और धूप से झुलसना देखा जा सकता है. साथ ही, पहले से काटे गए आमों में स्पंजी टिश्यू का बनना देखा जा सकता है. आम और चीकू में फलों की क्वालिटी में गिरावट देखी जा सकती है. पके लोबिया, मूंग, लबलाब बीन, चना और दालों में फलियों का फटना देखा जा सकता है. बागों और सब्जियों में पानी की कमी देखी जा सकती है. दोपहर की तेज गर्मी के कारण आम और काजू के पौधों के तने की छाल फट सकती है.
कोंकण के रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे और पालघर जिलों के किसानों को सलाह दी जाती है कि,
पानी उड़ने की दर को कम करने के लिए चावल के भूसे, खेत के अवशेष या प्लास्टिक का उपयोग करके बगीचों और सब्जियों में मल्च लगाएं.
जरूरत के मुताबिक बगीचों और सब्जियों में सिंचाई करें.
आम और काजू के पौधों के तने की छाल को टूटने से बचाने के लिए पेड़ के तने पर बोर्डो पेस्ट लगाएं.
पोल्ट्री पक्षियों को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए पोल्ट्री शेड की छत को घास से ढक दें.
खेत के जानवरों को साफ, स्वच्छ और भरपूर मात्रा में पीने का पानी उपलब्ध कराएं.
पके चना, लोबिया, डोलिचोस बीन और तरबूज की कटाई जारी रखें.
मूंग और भिंडी की बुवाई जारी रखें.
ग्रीष्मकालीन धान में 3-5 सेमी जल स्तर बनाए रखें.
मौजूदा और आने वाले सूखे मौसम को देखते हुए, जरूरत के अनुसार सब्जियों और बगीचों में सिंचाई करें.
नए लगाए गए सुपारी और आम के बगीचों में उन्हें अत्यधिक तेज धूप से बचाने के लिए छाया जाल लगाएं.
केले के गुच्छों को तेज धूप और गर्म मौसम से बचाने के लिए उन्हें बोरियों से ढक दें.
अल्फांसो आम में फलों के झड़ने को कम करने के लिए, फूलों पर 20 पीपीएम नेफ़थलीन एसिटिक एसिड (50 लीटर पानी में 1 ग्राम) का घोल छिड़कें.
पुणे, जलगांव और सोलापुर के किसानों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वे मूंगफली और गेहूं जैसी फसलों का विशेष ध्यान रखें. इन जिलों के किसानों के लिए क्या है निर्देश, नीचे पढ़ें-
पके गेहूं की कटाई करें और रबी ज्वार, कुसुम और चने की कटाई जारी रखें.
ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसलों में गैप दिखे तो उसे भरने का उपाय करें.
12 से 16 सप्ताह पुराने प्री-सीजन गन्ने में प्रति हेक्टेयर 74 किलोग्राम यूरिया डालें.
मौजूदा और आगे के सूखे मौसम को देखते हुए, आवश्यकतानुसार गेहूं और गन्ने में सिंचाई करें.
प्याज में थ्रिप्स को नियंत्रित करने के लिए, डाइमेथोएट 30% @ 15 मिली या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5% @ 6 मिली प्रति 10 लीटर पानी का छिड़काव करें.