banana trick farming घर पर बैंगन उगाना आसान भी है और मजेदार भी. लेकिन जब पौधे कमजोर रह जाते हैं, फूल झड़ जाते हैं या फल छोटे आते हैं, तब किसान और होम गार्डनिंग करने वाले निराश हो जाते हैं. ऐसे में एक नैचुरल टेक्निक आजकल बहुत तेजी से पॉपुलर हो रही है. इसमें सिर्फ केला और उसके बचे हुए हिस्से का प्रयोग करके बैंगन के पौधों को पेड़ जैसा मजबूत और ज्यादा फल देने वाला बनाया जा सकता है.
दरअसल केला फल, केले का छिलका और यहां तक कि केले का तना, तीनों ही बैंगन के पौधों के लिए एक तरह से नैचुरल ग्रोथ बूस्टर की तरह काम करते हैं. तो आइए आपको बताते हैं कि चलिए समझते हैं कि यह तरीका कैसे काम करता है और इसे घर पर किस तरह यूज किया जा सकता है.
बैंगन के पौधों को फल बनाने के लिए पोटैशियम की बहुत जरूरत होती है. केला और उसके छिलके पोटैशियम के प्राकृतिक स्रोत हैं, जो पौधे में फूल बनने में मदद करता है, फल गिरने से रोकते हैं, फल का आकार बढ़ाते हैं और पौधे की जड़ें मजबूत करता है. इसी तरह ये कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है. यह दोनों ही पोषक तत्व पौधे को रोगों से बचाते हैं और पत्तों को हरा रखते हैं. साथ ही इनसे बैंगन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं. वहीं इस टेक्निक से मिट्टी के स्ट्रक्चर में भी सुधार होता है. केला सड़ने के बाद मिट्टी को मुलायम, नर्म और पोषक बनाता है. इससे जड़ें तेजी से फैलती हैं और पौधा पेड़ जैसा मजबूत हो जाता है.
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