Organic Farming: केले की मदद से उगाएं ढेरों फल देने वाले बैंगन के पौधे, जानें कैसे

Organic Farming: केले की मदद से उगाएं ढेरों फल देने वाले बैंगन के पौधे, जानें कैसे

बैंगन के पौधों को फल बनाने के लिए पोटैशियम की बहुत जरूरत होती है. केला और उसके छिलके पोटैशियम के प्राकृतिक स्रोत हैं, जो पौधे में फूल बनने में मदद करता है, फल गिरने से रोकते हैं, फल का आकार बढ़ाते हैं और पौधे की जड़ें मजबूत करता है. इसी तरह ये कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है.

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Organic Farming: केले की मदद से उगाएं ढेरों फल देने वाले बैंगन के पौधे, जानें कैसे banana trick farming

घर पर बैंगन उगाना आसान भी है और मजेदार भी. लेकिन जब पौधे कमजोर रह जाते हैं, फूल झड़ जाते हैं या फल छोटे आते हैं, तब किसान और होम गार्डनिंग करने वाले निराश हो जाते हैं. ऐसे में एक नैचुरल टेक्निक आजकल बहुत तेजी से पॉपुलर हो रही है. इसमें सिर्फ केला और उसके बचे हुए हिस्‍से का प्रयोग करके बैंगन के पौधों को पेड़ जैसा मजबूत और ज्‍यादा फल देने वाला बनाया जा सकता है. 

नैचुरल बूस्‍टर है केला 

दरअसल केला फल, केले का छिलका और यहां तक कि केले का तना, तीनों ही बैंगन के पौधों के लिए एक तरह से नैचुरल ग्रोथ बूस्टर की तरह काम करते हैं. तो आइए आपको बताते हैं कि चलिए समझते हैं कि यह तरीका कैसे काम करता है और इसे घर पर किस तरह यूज किया जा सकता है. 

पोटैशियम की सबसे ज्यादा मात्रा

बैंगन के पौधों को फल बनाने के लिए पोटैशियम की बहुत जरूरत होती है. केला और उसके छिलके पोटैशियम के प्राकृतिक स्रोत हैं, जो पौधे में फूल बनने में मदद करता है, फल गिरने से रोकते हैं, फल का आकार बढ़ाते हैं और पौधे की जड़ें मजबूत करता है. इसी तरह ये कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है. यह दोनों ही पोषक तत्व पौधे को रोगों से बचाते हैं और पत्तों को हरा रखते हैं. साथ ही इनसे बैंगन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं. वहीं इस टेक्निक से मिट्टी के स्‍ट्रक्‍चर में भी सुधार होता है. केला सड़ने के बाद मिट्टी को मुलायम, नर्म और पोषक बनाता है. इससे जड़ें तेजी से फैलती हैं और पौधा पेड़ जैसा मजबूत हो जाता है.

केला कब और कैसे डालें? 

  • बैंगन के पौधे से लगभग 3–4 इंच दूर एक छोटा सा गड्ढा करें. 
  • इस तरह से केला सीधे जड़ से न टकराए और धीरे-धीरे सड़कर पोषक तत्व दे.
  • एक पका हुआ केला लें और उसे 4–6 छोटे टुकड़ों में काटें.
  • जो लोग पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके चाहते हैं, उनके लिए यह तरीका बेहद सुरक्षित है.
  • केले के छिलकों को भी बारीक काटकर उसी गड्ढे में डालें.
  • छिलके सबसे जल्दी पोषक तत्व छोड़ते हैं.
  • अब गड्ढे को मिट्टी से ढक दें और हल्का पानी दें.
  • यह प्राकृतिक और धीमे तरीके से पौधे को कई दिनों तक पोषण देगा.

कुछ खास सावधानियां

  • कच्चे केले का उपयोग न करें, हमेशा पके हुए केले लें.
  • केले को सीधे पौधे के पास न रखें, थोड़ा दूर गड्ढा करें.
  • केले का अधिक उपयोग करने से चीटियां आ सकती हैं, इसलिए मात्रा संतुलित रखें.
  • बारिश के मौसम में इस तकनीक का इस्तेमाल कम करें.
  • यह तरीका गमले में भी उतना ही प्रभावी है.
  • बस केले की मात्रा आधी रखें और मिट्टी हल्की व नर्म रखें.
     

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