ग्रामीण इलाकों के लोग खुद का कारोबार करेंगे, फल-सब्जी टेस्टिंग, नर्सरी और बेकरी की मुफ्त ट्रेनिंग मिलेगी 

ग्रामीण इलाकों के लोग खुद का कारोबार करेंगे, फल-सब्जी टेस्टिंग, नर्सरी और बेकरी की मुफ्त ट्रेनिंग मिलेगी 

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय युवाओं, किसानों को मुफ्त कमर्शियल ट्रेनिंग देने जा रहा है. फल-सब्जी की टेस्टिंग, नर्सरी व्यवसाय, बेकरी और दूध उत्पादों समेत कई अन्य व्यावसायिक कार्यों की ट्रेनिंग कराने के लिए आवेदन मांगे गए हैं.

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ग्रामीण इलाकों के लोग खुद का कारोबार करेंगे, फल-सब्जी टेस्टिंग, नर्सरी और बेकरी की मुफ्त ट्रेनिंग मिलेगी ट्रेनिंग कार्यक्रम में विकलांग, विधवा तथा तलाकशुदा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.

खेती-किसानी के क्षेत्र में लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के इरादे से चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय युवाओं, किसानों को मुफ्त कमर्शियल ट्रेनिंग देने की घोषणा की है. विश्वविद्यालय फल-सब्जी की टेस्टिंग, नर्सरी व्यवसाय, बेकरी और दूध उत्पादों समेत कई अन्य व्यावसायिक कार्यों की ट्रेनिंग कराने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. ट्रेनिंग के दौरान खुद का रोजगार शुरू करने के लिए बैंकों से वित्तीय जरूरत, लोन वगैरह लेने में भी मदद की जाएगी. ट्रेनिंग कार्यक्रम 9 अगस्त से विश्वविद्यालय परिसर में शुरू होगा. 

हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान ने युवाओं और किसानों को खुद का रोजगार शुरू करने के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर रहा है. संस्थान के सह निदेशक डॉ. एके गोदारा ने बताया कि हरियाणा के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाएंगे. 

सह-निदेशक के अनुसार 9 अगस्त से 5 दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण शुरू होगा. इसके अंतर्गत फल व सब्जी परीक्षण, नर्सरी रेजिंग, बेकरी, दुग्ध एवं इसके मूल्य संवर्धित उत्पाद, कटाई एवं सिलाई की ट्रेनिंग दी जाएगी. अनुसूचित जाति, जनजाति के बेरोजगार और जरूरतमंद विशेष कर ग्रामीण इलाकों के युवक एवं युवतियां जो यह प्रशिक्षण लेना चाहते हैं वे आगामी 9 अगस्त तक अपने आवेदन पत्र संबंधित संस्थान में किसी भी कार्य दिवस को सुबह 9 बजे से सायं 4:30 बजे तक जमा करवा सकते हैं.

इन महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता 

उन्होंने बताया कि चयनित प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद राज्य सरकार की योजनाओं के अनुसार खुद का रोजगार शुरू करने के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार सहायता सामग्री देने का प्रावधान है. इसके अलावा स्वरोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय जरूरत को देखते हुए बैंकों में लोन आवेदन करने आदि की जानकारी भी दी जाएगी. बताया कि इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में विकलांग, विधवा तथा तलाकशुदा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.

आवेदन के साथ ये डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे 

इच्छुक आवेदक अपने आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता, प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, हरियाणा सरकार की ओर से जारी अनुसूचित जाति, जनजाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, नवीनतम रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक अकाउंट की कॉपी सहित सभी दस्तावेजों की सत्यापित प्रति संलग्न करनी होगी. 

ये शर्तें पूरी करनी होंगी

विश्वविद्यालय के अनुसार फॉर्म भरने से पहले आवेदकों को यह घोषणापत्र देना होगा कि उन्होंने इससे पहले इस विश्वविद्यालय या इसके संबंध हरियाणा के किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र संस्थान से अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के लिए सहायता प्राप्त स्कीम के तहत किसी भी तरह का प्रशिक्षण न लिया हो. इस संबंध में उम्मीदवार को अंडरटेकिंग इस संस्थान में जमा करवानी होगी. 
इसके अलावा आवेदक की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए.

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