रबी फसलों की बात करें तो किसान मुख्य रूप से गेहूं की खेती करते हैं. इतना ही नहीं, देश में ऐसे कई किसान हैं जो गेहूं की खेती पर निर्भर हैं. ऐसे में अब सभी इलाकों में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है. किसान गेहूं की फसल लेकर मंडी की ओर निकल पड़े हैं ताकि गेहूं बेचकर अच्छी आमदनी कर सकें. कुछ किसान ऐसे भी हैं जो गेहूं का भंडारण करते हैं ताकि समय आने पर उसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकें. लेकिन गेहूं में घुन लगने की समस्या काफी आम है. जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि गेहूं को घुन से बचाने और भंडारण करने का सही तरीका क्या है.
इस समय गेहूं की थ्रेसिंग का काम जोरों पर चल रहा है. इसके बाद किसान गेहूं का भंडारण करेंगे. ज़्यादातर किसान इस पहलू को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है. इसलिए जरूरी है किसान भंडारण में लापरवाही न बरतें.
ये भी पढ़ें: पंजाब में गेहूं खरीद का टूटा रिकॉर्ड, मंडियों में पिछले साल से भी ज्यादा पहुंचा अनाज
खपरा बीटल गोदाम में रखे अनाज का सबसे बड़ा दुश्मन है. यह ना सिर्फ अनाज को बर्बाद करता है बल्कि इससे प्रभावित दानों से चूर्ण यानी पाउडर जैसा निकलने लगता है. इसलिए जरूरी है कि भण्डारण से पहले गोदाम का उपचार करना चाहिए ताकि ऐसे कीट खतम हो जाए. इसके लिए एक भाग मैलाथियान 50 प्रतिशत को 100 भाग पानी में मिलाकर भण्डार के जगह में तीन लीटर प्रति 100 वर्ग मीटर की दर से छिड़काव करें. वायुजनित कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए इस घोल का एक लीटर प्रति 300 घन मीटर क्षेत्र में छिड़काव करें. इसके बाद अनाज का भण्डारण करना चाहिए.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today