देश में पशुधन और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें तमाम कोशिशें कर रही है. इसमें नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) भी अहम भूमिका निभा रहा है. अभी तक विदेशों में सेक्स सॉर्टेड सीमेन (ट्रिपल- S) तकनीक का इस्तेमाल करके अमेरिका, नीदरलैंड, डेनमार्क जैसे देश गाय-भैंस का कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) कराकर केवल मादा पशुधन (बछिया और पड़िया) की संख्या बढ़ाते आ रहे हैं. अब NDDB ने इसकी देसी तकनीक इजाद की है, जिससे सेक्स सॉर्टेड सीमेन अब बेहद सस्ती दर पर हासिल होगा.
बहुराष्ट्रीय कंपनियां सेक्स सॉर्टेड सीमेन 800 रुपये में बेचती है, जबकि अब NDDB इसे 250 में किसानों और पशुपालकों को बेचेगा. कृत्रिम गर्भाधान के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन के तीन डोज की जरूरत पड़ती है. ऐसे में पहले तीन डोज के लिए किसानों-पशुपालकों को 2400 रुपये कीमत चुकानी पड़ती थी, लेकिन अब 750 रुपये में ही काम हो जाएगा.
सेक्स सॉर्टेड सीमेन से 70 से 80 फीसदी तक मादा के जन्म लेने की संभावना रहती है. वहीं यह नस्ल सुधार के लिए काफी कारगर तकनीक मानी जाती है. भारत में पिछले 9 सालों दूध उत्पादन 6 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जबकि अन्य देशों में वृद्धि दर 2 प्रतिशत है. सेक्स सॉर्टेड सीमेन के इस्तेमाल से आने वाले समय में गाय-भैंसों की संख्या बढ़ने से दूध उत्पादन में और बढ़ोतरी होगी. NDDB, 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम के तहत सेक्स सॉर्टेड सीमेन का निर्माण कर रहा है.
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पशुपालकों और किसानों को सेक्स सॉर्टेड सीमेन पशु अस्पतालों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अक्टूबर को ही महाराष्ट्र के वाशिम में सेक्स सॉर्टेड सीमेने की सस्ती डोज का उद्घाटन किया है. इसके अलावा उन्होंने पशुधन नस्ल में अनुवांशिक सुधार के लिए जिनोमिक चिप (Genomic Chip) का भी लोकार्पण किया. गाय के लिए उपयोग होने वाली चिप को गौ-चिप और भैंस के लिए महिषी चिप नाम दिया गया है.
उत्तराखंड के ऋषिकेश में 2019 में सेक्स सॉर्टेड सीमेन लैब शुरू की गई थी. सफल प्रयोग को देखते हुए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2021 में भी एक लैब स्थापित की गई. देश में लगातार इन लैब्स की संख्या बढ़ाने पर काम किया जा रहा है, ताकि किसानों और पशुपालकों को लाभ मिल सके.
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