मवेशियों पर खराब एक्यूआई का दुष्प्रभावआपको क्या लगता है, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब होने का असर केवल इंसानों पर पड़ता है? अगर आपका जवाब हां है तो आप गलत हैं. खराब एक्यूआई उन सभी चीजों पर असर डालती है जो उसके संपर्क में है. यहां तक कि पेड़-पौधे और मवेशी भी. आज हम एक्यूआई का असर मवेशियों पर क्या और कैसे होता है, इस पर बात करेंगे. आपने देखा होगा कि ठंड के मौसम में दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में AQI 400 के पार चला जाता है. इससे न केवल इंसानों बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है. इसे लेकर एक्सपर्ट चेतावनी जारी करते हैं. पशुपालकों को इन चेतावनी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
पशुपालन से जुड़े एक्सपर्ट बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण पशुओं में सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस, त्वचा संक्रमण और आंखों में जलन जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं. पशुपालकों को जानना जरूरी है कि जब AQI 200 के पार जाता है, तो स्वस्थ पशुओं के लिए भी यह घातक हो सकता है. यानी एक्यूआई का बिगड़ना न केवल इंसानों बल्कि पशुओं के लिए भी बराबर घातक है. छोटे पशुओं में त्वचा संबंधी रोग और आंखों से पानी गिरने जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं.
विशेषज्ञों ने पशुपालकों को सलाह दी कि वे अपने पशुओं को सुबह प्रदूषण कम होने पर ही बाहर निकालें और उन्हें गुनगुना पानी दें. पशु रखने वाले बाड़े में नियमित छिड़काव करें और पशुओं को पर्याप्त धूप लेने दें. आहार में बिनौला खल, मूंगफली की खल और गुड़ शामिल करें ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके.
एक्सपर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें पशुओं के एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करती हैं, जिससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है. त्वचा का सूखापन और खुरों में दरारें भी प्रदूषण के कारण हो सकती हैं. इससे बचाव के लिए पशुओं के खुरों को एप्सन सॉल्ट के पानी में भिगोकर रखना चाहिए.
पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सही आहार का बहुत महत्व है. पशुपालकों को अपने मवेशियों को प्रोटीन और फैट रिच डाइट देना चाहिए. खलियों का प्रयोग जरूर बढ़ाना चाहिए और गुड़ को आहार में शामिल करना चाहिए. ठंड के मौसम में गुनगुना पानी और उचित आहार से पशुओं को स्वस्थ रखा जा सकता है.
एक्यूआई खराब होने पर पशुपालकों की सबसे बड़ी चिंता पशुओं की आंख से पानी गिरना होता है. इसे ठीक करने के लिए एक्सपर्ट बताते हैं कि बोरिक एसिड से आंखों की सफाई करनी चाहिए. अगर इसके बाद भी पानी गिरना ठीक नहीं होता है तो नजदीकी वेटनरी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर खराब एक्यूआई में भी पशु जुगाली करे तो वह पशु के सही सेहत का संकेत है. इसलिए पशुपालकों को मवेशी की जुगाली पर जरूर ध्यान देना चाहिए.
पशुपालक इन बातों का ध्यान रखकर अपने मवेशी को स्वस्थ रख सकते हैं. दूध देने वाले पशुओं का खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक्यूआई का प्रभाव दूध उत्पादन पर भी हो सकता है. गिरते एक्यूआई में पशु बीमार हो सकता है जिससे उसका उत्पादन घट जाएगा. इससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.
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