रबी सीजन के लिए सब्जियों की बुवाई की तैयारियों में जुटे किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की गई है. पंजाब और हरियाणा के किसानों को भिंडी और लोबिया की बुवाई के लिए ये सही समय है. इसके अलावा लौकी, करेला, तोरई, फूलगोभी और टिंडे की बुवाई के लिए यह सही मौसम है. सब्जियों की बुवाई के लिए कुछ किस्मों का सुझाव दिया गया है. जबकि, गन्ना, अरहर समेत अन्य फसलों को कीटों, रोगों से बचाव की सलाह दी गई है.
कृषि विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में पंजाब और हरियाणा के किसानों को कई फसलों की बुवाई और फसल सुरक्षा की सलाह दी गई है. हरियाणा के किसानों को अरहर, कपास और धान फसल के लिए उचित जल व्यवस्था की जरूरत बताई गई है. जबकि, पंजाब के किसानों को फूलगोभी समेत कई सब्जी फसलों की बुवाई की सलाह दी गई है.
मौसम को ध्यान में रखते हुए पंजाब के किसान भिंडी और लोबिया की बुवाई कर सकते हैं. यहां के किसान भिंडी की पंजाब सुहावनी और पंजाब लालिमा किस्मों का चयन कर अच्छी उपज हासिल कर सकते हैं. वहीं लोबिया फसल के लिए लोबिया 263 किस्म की बुवाई किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. पंजाब में अभी के समय लौकी, करेला, तोरई और टिंडे की बुवाई की जा सकती है. इसके अलावा फूलगोभी की अगेती किस्मों की रोपाई किसान कर लें.
पंजाब के किसान अरहर फसल में फिलहाल सिंचाई ना करें. फसल में अधिक सिंचाई करने से फसल पकने में देरी हो सकती है. जबकि, पंजाब के किसान गन्ने के खेत से बारिश के अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल लें. साथ ही गन्ने की फसल की निगरानी करते रहें. अभी के समय गन्ने की फसल में कीट लगने का खतरा है.
पंजाब के किसान मूंगफली फसल की भी उचित देखभाल करते रहें. अभी का समय मूंगफली की फसल में भी कीट व्याधियां लगने की आशंका है. ऐसे में किसान भाई कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर उचित कीटनाशकों का छिड़काव करें.
हरियाणा के किसान कपास की फसल में हल्की सिंचाई करें. कपास के गुच्छे, जल्दी खुलने के लिए सितंबर के अंत में आखिरी सिंचाई करें. समय पर सिंचाई करने से किसान कपास की अच्छी उपज हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा हरियाणा के किसान धान के खेत से बारिश के अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल लें और उचित जल निकासी की व्यवस्था रखें.
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