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अनाज स्टोरेज के ल‍िए इन बातों का ध्यान दें क‍िसान, पूसा के कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने जारी की एडवाइजरी 

अनाज स्टोरेज के ल‍िए इन बातों का ध्यान दें क‍िसान, पूसा के कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने जारी की एडवाइजरी 

पूसा की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है क‍ि हल्की बार‍िश की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों व सब्जियों में सिंचाई तथा किसी भी तरह का छिड़काव न करें. कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि बारिश और तेज हवा के नुकसान से फसल को बचाया जा सके. 

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अनाज का भंडारण कैसे करें क‍िसान. अनाज का भंडारण कैसे करें क‍िसान.

रबी सीजन की प्रमुख फसलों गेहूं और सरसों की कटाई अब लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में अब अनाज को स्टोर करने को लेकर पूसा के कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है क‍ि अनाज को स्टोर में रखने से पहले स्टोर की अच्छी तरह सफाई करें. अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें. कूड़े-कचरे को जला या दबा कर नष्ट कर दें. भंडारघर की छ्त, दीवारों और फर्श पर एक भाग मेलाथियान 50  ईसी को 100 भाग पानी में मिला कर छिड़काव करें. यदि पुरानी बोरियां प्रयोग करनी पड़े तो उन्हें एक भाग मेलाथियान व 100 भाग पानी के घोल में 10 मिनट तक भिगो कर छाया में सुखा लें. 

इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह है. किसान कटी हुई फसलों को बांधकर रखे. गहाई के बाद भंडारण से पूर्व दानों को अच्छी तरह से सुखा दें. हल्की बार‍िश की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों व सब्जियों में सिंचाई तथा किसी भी तरह का छिड़काव न करें. कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि बारिश और तेज हवा के नुकसान से फसल को बचाया जा सके. 

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इन फसलों की बुवाई करें

मूंग की फसल की बुवाई के ल‍िए किसान उन्नत बीज क‍िस्मों का चयन करें. मूंग– पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा- 5931, पूसा बैसाखी, पीडीएम-11, एसएमएल-32, एसएमएल-668 और सम्राट इनमें प्रमुख हैं. बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है. 

फली छेदक से कैसे बचाएं

टमाटर, मटर, बैंगन व चना फसलों में फलों, फल्लियों को फल छेदक या फली छेदक कीट से बचाव बहुत महत्वपूर्ण है. सबसे पहले कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें. साथ ही फल छेदक कीट की निगरानी के ल‍िए प्रत‍ि एकड़ 3 से 4 फिरोमोन ट्रैप लगाएं. यदि कीटों की संख्या अधिक हो तो बीटी 1.0 ग्राम प्रत‍ि लीटर पानी की दर से आसमान साफ होने पर छिड़काव करें. फिर भी प्रकोप अधिक हो तो 15 दिन बाद स्पिनोसैड कीटनाशी 48 ईसी @ 1 मिली/4 लीटर पानी की दर से आसमान साफ होने पर छिड़काव करें. 

बेलवाली सब्जियों में लग सकता है यह रोग

इस मौसम में बेलवाली सब्जियों और पछेती मटर में चूर्णिल आसिता रोग के प्रकोप की संभावना रहती है. यदि रोग के लक्षण दिखाई दे तो कार्बेन्डाज़िम @ 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें. बेलवाली सब्जियां जो 20 से 25 दिन की हो गई हो तो उनमें 10-15 ग्राम यूरिया प्रति पौध डालकर गुड़ाई करें. इस मौसम में समय से बोई गई बीज वाली प्याज की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें. बीज फसल में परपल ब्लोस रोग की निगरानी करते रहें. 

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