होम गार्डनिंग में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को पता है कि ये बहुत बेहतर शौक है. इससे आप ना सिर्फ हेल्दी फल-सब्जी और मसाले घर पर उगा पाते बल्कि इससे आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है. इन सबके अलावा किचन खर्च में भी कुछ हद तक कटौती हो जाती है. लेकिन घर में पौधे लगाने वाले ये बात भी अच्छी तरह से जानते हैं कि चाहे किचन गार्डनिंग हो या सामान्य सजावटी या फूलों के पौधे लगा रहे हों, उन्हें तैयार करना थोड़ा मुश्किल का काम होता है. आपको बता दें कि कुछ ऐसी गलतियां होती हैं जो गार्डनिंग करने वाले अक्सर करते हैं जिससे पौधे सूखने लगते हैं. आइए जान लेते हैं कि किन बेसिक गलतियों से बचना चाहिए?
कुछ लोग जगह की कमी के चलते या अन्य कारणों से पौधों को ऐसी जगह पर रख देते हैं जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है. आपको बता दें कि सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए बहुत जरूरी होता है, इससे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है, पौधों को ऑक्सीजन मिलता है. इसके साथ ही इससे क्लोरोफिल मिलता है जो पौधों में हरे पन के लिए जिम्मेदार होते हैं. किसी भी पौधे में कम से कम 6-8 घंटे की धूप जरूरी है, छांव में ना रखें.
बहुत से लोगों को लगता है कि अगर पौधे को अधिक पानी देंगे तो उसे अधिक फायदा होगा और उसकी ग्रोथ में मदद मिलेगी. हालांकि ये बात बिल्कुल उलट है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि जरूरत से ज्यादा पानी पौधों के लिए फायदा नहीं बल्कि नुकसानदायक होता है इससे मिट्टी में फंगस का खतरा रहता है जिससे पौधे झुलस सकते हैं. पानी देते समय हमेशा उंगली से छू कर नमी की जांच करना जरूरी है.
किसी भी पौधे की ग्रोथ में खाद-पानी का अहम योगदान होता है. लेकिन अगर आप सही समय और सही मात्रा में खाद नहीं दे रहे हैं तो हो सकता है कि पौधों पर फायदा पहुंचाने की बजाय पौधों के झुलसने का कारण बन जाए. जो पौधे तीन महीने में तैयार हो जाते हैं उनके लिए रोपाई के 30-45 दिन बाद एक मुट्ठी खाद देना पर्याप्त है. जो पौधे लंबे समय तक रहते हैं उन्हें हर महीने 2 चम्मच खाद देना भी पर्याप्त माना जाता है. अधिक खाद देने से नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पत्तियां पीली पड़कर सूखने लगती हैं.
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